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________________ अमर्षेण सुसंपूर्णः] श्लोकपादसूची [ अमानुषभयेभ्यश्च अमर्चेण सुसंपूर्णः 2. 43. 214. अमर्षणाभिचोदितः 1. 96.21. अमर्षेणाभिसंपूर्णः 4. 881*. 1 pr. अमर्षेणैव चाप्यर्थाः 5. 133.236. अमर्षो ह्येव पौरुषम् 5. 157. 14. अमला धूतपाप्मानः 2.7.8. अमलान्प्रतिपद्यते 6.36. 14. 13. App. 15. 3790 post. अमलामपि भारत 1. 551*. 1 post. अमलाम्बरसंवृतम् 1. App. 68. 4 post, अमलो निर्मल: सूक्ष्मः 6. App. 3. 85L pr. अमलो ह्येष तपसा 13. 94. 18. अमात्यगुणवृद्धिश्च 12. 108. 2. अमात्यपरिषन्मध्ये 3. 127.8. अमात्यप्रवराश्च ह 3.243. 18. अमात्यरक्षाप्रणिधिः 12.59. 34". अमात्यलाभो भद्रं ते 5. 37. 490. अमात्यवल्लभानां च 12. 69. 22. अमात्यसंपदोपेतः 1. App. 53.4 pr. अमात्यसंस्थः कार्येषु 1. 196. 18. अमात्यस्तं समुत्थाप्य 1. 162.6". अमात्यं को न कुर्वीत 12. 107. 6. अमात्यं च पुरोचनम् 1. 137.2d, t. अमात्यं नृपतिर्वेद 5. 38. 25. अमात्यः पण्डितो भूत्वा 4. 4. 32. अमात्यः शूर एव स्यात् 12. 107. 124. अमात्यः सानुयात्रस्तु 1. 162.20. अमात्या ज्ञातयश्चैव 1. 118.8. अमात्यानामयो हर्षम् 5. 131. 35. अमात्यानां च सर्वेषां 12. 90. 174 अमात्यानां यदि कामस्य हेतोः 5.27.27. अमात्यानुपधातीतान् 2.5. 334. 13. App. 15. 903 pr. 15.9.14". अमात्यान्नमथैतेषां 14. App. 4.2180 pr. अमात्यान्परिरक्षेत 12. 138.636. अमात्यान्यार्थिवं च तम् 13.51. 214. अमात्यान्बहु शोचयन् 12. 98.264. अमात्यान्वा गुरून्यापि 12. 159.381. अमात्यान्विजिगीषते 5. 34.54; 127. 27. अमात्यान्वृष्णिवीराणां 16. 8.6deg. भमात्यान्सुहृदश्चैव 1 39.27. अमात्या बुद्धिसंपन्नाः 13. App. 15.905 pr. अमात्या मे न रोचन्ते 12. 83. 530. अमात्या ये बभूवुश्च 15. 43. 8. अमात्याञ्च कमाण12. App. 8. 15 pr. अमात्याश्च न जानते 4. 325*.2 post. अमात्याश्च महारथान् 3. 237.5. अमात्याश्चैव सर्वशः 1. 193.54. अमात्या युपहन्तारं 12. 83. 3. अमात्यांश्च महीपतिः 15. 2. 34. अमात्यांश्च यथाविधि 14.63. 10. अमात्याः सपुरोहिताः 13. 53.65%. अमात्येषु च भिन्नेषु 5. 6. 10*. अमात्येषु च सर्वेषु 12. 69. 9". अमात्ये ह्यर्थलिप्सा च 5. 38. 18. अमात्यैरभिसंवृतम् 3. 268. . अमात्यै च नृपश्रेष्ठः 2. 30. 45. अमात्यैः शास्त्रकोविदः 2. 5. 174. अमात्यैः सह चिन्तय 13. 51. 94. अमात्यैः सह मित्रैश्च 3. 43*.2 pr. अमात्यैः सह संमध 12.69. 14. अमात्यैः संवृतो वशी 3. 275.524. अमात्यो मनुजेन्द्रस्य 1. 1106*. 9 pr. अमात्यो मे भव प्राज्ञ 12. 136. 1264. अमात्यो हि बलामोठं 4.4. 350. अमात्रशन्दरहिवं 6. App.3.76L pr. अमात्सर्य क्षमा चैव 12. 156. 8. अमात्सर्य बुधा प्राहुः 12. 156. 13". अमात्सर्य हीस्तितिक्षानसूया 5. 43. 12%; App. 2. 15. अमाद्यदिन्द्रः सोमेन 1. 112.943. 86.6%; 121.7% 7. AP.S. 403A2r. 12.29. 31. अमानकामाश्चाारे 13. App. 10A. 18 pr. अमानयन्हि मानानि 3. 287. 11. अमानवं धर्ममास्थितः 12.256*.2 post. अमानिता नित्यने। 12. 109. 12. अमानित. सुमानाः 4.4.8. अमारित्वसम्नित्वं 6.35.7M. अमानिनः सर्वसहाः 13.23.31. 14. App. 4. 2254 pr. अमानी च सदाजिनः 13. 129. 120. अमानी निरीमानः 14. 19.3. अमानी मानदो मान्यः 13. 135.930. अमानी सत्यवाक्शक: 12.81. 130. अमानुषवाकारः 10.8.41. अमानपकृतस्तत्र 12.99 176. अमानुषगतिस्तु सा 3. 156.21". अमानुपातिं प्राताः 3. 155.70. अमानुषभयेभ्यश्च 13. App. 15.919 pr. ---- 187 --
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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