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________________ अभ्यषिञ्चत राजेन्द्र ] श्लोकपादसूची [अभ्यासयोगयुक्तेन अभ्यषिञ्चत राजेन्द्र 14. 4. 9. अभ्यषिञ्चत सेनायाः 9. 6.59. अभ्यषिञ्चत्ततः पूरु 1. 80.24deg. अभ्यषिञ्चत्ततो धौम्यः 2. 49. 100. अभ्यषिञ्चत्ततो राज्ये 2. App. 6.66 pr. अभ्यषिञ्चत्तदा पार्थः 2.42.31. अभ्यषिञ्चत्तदा रामः 2. App. 21.527 pr. अभ्यषिञ्चत्पतिं पृथव्याः 12. 40. 15. अभ्यषिञ्चत्सुतं तत्र 2. App. 6. 70 pr. अभ्यषिञ्चदनन्तरम् 1.95. 12t. अभ्यषिञ्चधुधिष्ठिरः 5. 154. 11'. अभ्यषिञ्चकुमारं वै 9. 44. 190. अभ्यषिञ्चन्दशाननम् 3. 259. 384. अभ्यषिञ्चन्नराधिप 9. 41.7. अभ्यषिञ्चन्महीपालान् 12. 49.789. अभ्यषिञ्चन्यथाविधि 9. 36. 314. अभ्यषिञ्चं यथाविधि 5. 170.64. अभ्यसूयद्राह्मणान्वै 12. 218, 13. अभ्यसूयन्त चापरे 3.61. 112. अभ्यसूयन्ति सततं 1.32.94 अभ्यसूया च का प्रोक्ता 3. App. 19.34 pr. अभ्यसूयापरा माः 13. App. 15. 1635 pr. अभ्यसूयापरा यास्तु 13. App. 15. 1999 pr. अभ्यसूयापराश्चैव 13. App. 15. 1676 pr., 1831 pr. अभ्यसूया मृषावचः 5. App. 2. 27 post. अभ्यसूयाम्यहं तदा 4. 1101.2 post. अभ्यस्यति पितामहम् 6. 108. 154 अभ्यागच्छति मां कश्चित् 1. 819*. 1 pr. अभ्यागच्छत्परिवृतः 3. App.25. 60 pr. अभ्यागच्छत्स धर्मात्मा 3. App. 25. 14 pr. अभ्यागच्छदृषिर्विद्वान् 1.54. 1. अभ्यागच्छद्विजः कश्चित् 1. App. 64.6 pr. अभ्यागच्छद्यदृच्छया 1. 187. 32d. अभ्यागच्छधुधिष्टिरम् 4. App. 32. 8 post. अभ्यागच्छन्महीपाल: 12. 122.6deg. अभ्यागच्छं कुरून्भीष्म 1. 122. 38. अभ्यागतं तु तद्रक्षः 1. 5. 150. अभ्यागतं श्रान्तमनुव्रजन्ति 14. App. 4. 962. अभ्यागतो ज्ञातपूर्वः 14. App. 4. 956 pr. अभ्यागतोऽस्माननलंकृतोऽपि सन् 4. 180*. 31. अभ्यागमद्रणे पाण्डून् 6. 83. 37deg. अभ्याजगाम गाङ्गेयं 12. 53. 26. अभ्याजगाम देवेशं 9. 43. 338. अभ्याजग्मुलोकनदी 1. 1712*.2 pr. अभ्याजन्ने दृढतरं 3. 163. 21. अभ्यापतत्कर्णसुतो महारथः 8. 62. 56deg. अभ्यापतदमेयात्मा 8. 38. 22". अभ्यापतन्तं द्रुतमिन्द्रसेनम् 3. 1204*. 4. अभ्याभवो द्वैतवने य आसीत् 5. 23. 250. अभ्यायतीनामशिवे मुहूर्ते 6. 42.7%; 95.53. अभ्याययुर्वेदविदः धुराणाः 3. 225. 3. अभ्याययुश्च तं देशं 13. 50. 12. अभ्याययुस्ते बदरी विशालां 3. 174. 8. अभ्याययौ भीमसेनं निहन्तुं 6. 81. 32. अभ्यायान्तं सत्यसंधः स राजा 3.6.76. अभ्यावर्तेत ब्रह्मास्य 5. 43. 34. अभ्यावहति कल्याणं 5. 34. 740. अभ्यावृत्य पुनर्जिष्णुं 5. 158. 22. अभ्याशपरिवर्तिनीम् 3. 60.20. अभ्याशमागतांश्चान्यान् 1. 63. 16. अभ्याशस्थमहं मन्ये 7.95.903; 665.2 pr. अभ्याशस्थं महाराज 6. 111. 12%. अभ्याशेन तु कालस्य 13. App. 10. 302 pr. अभ्याशे नित्यं देवानां 13. App. 18. 162 pr. अभ्याशे वाजिनस्तस्थुः 4. 51. 20. अभ्याशे शत्रुसूदनौ 7.57. 64. अभ्यासगमनागीरु 3. 281. 105". अभ्यासघाती संदृश्यः 2. 22. 14. अभ्यासमकरोद्धर्मे 12. 263. 27". अभ्यासयोगयुक्तेन 6. 30. 84. अभ्यस्यन्परमेष्वासः 7. 148.61. अभ्यस्यमाने शक्त्यस्त्रे 9. 45.61. अभ्यस्येत्यब्रवीत्पार्थ 8.66.57. अभ्यहन्दक्षिणं बाहुं 7. 88. 47deg. अभ्यहन्दक्षिणे भुजे 8. 37.74. अभ्यहारयता क्रुद्धौ 9.57. 28. अभ्यहारयतां तत्र 9.56.7. अभ्याकर्षविकर्षणैः 1. 1878*. 1 post, 2. 21. 14. 4. App. 11. 17. post. अभ्याकाशं निशि स्वपेत् 12. 36. 34. अभ्याकिरत सर्वशः 6.78. 404. अभ्याकिरन्महाराज 7. 13.79%. अभ्यागच्छत शंकरः 12. 320. 316. अभ्यागच्छति चेद्योढुं 4. 667*. 4 pr. अभ्यागच्छति दाशार्हे 5. 87. 130; 89.6%; 92. 354. - 183 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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