SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 185
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अभोगिनोऽवलाश्चैव] श्लोकपादसूची [अभ्यन्तद्रुषितो विप्रः अभोगिनोऽबलाश्चैव 12. 17.6. अभोग्या ह्योषधीश्छित्त्वा 12. 134.4. अभोजने च दोषः स्यात् 13. 210*. 4 pr. अभोजनेन तेनास्य 12.214. 13. 13. 93. 14. अभोजयत्स्वादु भोज्यं 17. 3*. 3 pr. अभोजयन्त मृष्टान्नैः 3. 28. 17'. अभोज्यभोजनं भुक्त्वा 13. App. 14A.24 pr. अभोज्यमिदमित्याह 1. 166. 30%. अभोज्यं च शवं स्पृष्ट्वा 1. App. 92.41 pr. अभोज्यं चाप्यपेयं च 12.37.21. अभोज्यं तद्विजानीयात् 14. App. 4. 2337 pr., 2341 pr., 2351 pr. अभोज्यं रक्षिणम्तथा 12. 37. 224. अभोज्यं शेषितं च यत् 12. 37.240. अभोज्यान्नानि चाक्षाति 13. 131.22*. अभोज्यान्नानि चानीयात् 12, 128.21. अभोज्यान्नानिमान्राजन् 14. App. 4. 2157 pr. अभोज्यानाश्च ये विप्राः 14. App. 4. 2153 pr. [अभोज्यान्याहारयन्ति च 12.56. 500. अभोज्याश्चाप्यभश्याश्च 12. 37. 26*. अमोज्याश्चैव भोज्याश्च 13. App. 14A. 40 pr. अमीमत्वादवायुतः 12. 177.9. अभ्यकीर्यन्त वृन्दानि 4. 18. 320. अभ्यकृन्तद्धनंजयः 4. App. 52.32 post. अभ्यक्रोशन्सोमकास्तत्र पार्थं 8.65. 10. अभ्यगच्छजनार्दनः 2. 12. 31'. अभ्यगच्छत गान्धारी 11. 15. 15. अभ्यगच्छत तं विनं 13.22. 13. अभ्यगच्छत धर्मात्मा 2.52.3. अभ्यगच्छत पाण्डवम् 14.77.23%. अभ्यगच्छत राजानं 3. 130, 18%. अभ्यगच्छन सब्रीडा 5. 12.31. अभ्यगच्छत्कृताञ्जलिः 12. 45. 124. अभ्यगच्छत्कोसलायां 3.75.3. अभ्यगच्छत्ततो रामः 5. 177.236. अभ्यगच्छत्तदा विप्रः 1.214. 29. अभ्यगच्छत्तदेवाशु 1. 91.65". अभ्यगच्छन्त्रिलोकेशं 12. 221. 15. अभ्यगच्छत्पुरातिथिः 8.30. 49. अभ्यगच्छत्समायान्तं 7.81. 12. अभ्यगच्छत्सहामात्यः 12.24. 12. अभ्यगच्छत्सुतस्तव 7.24.5. अभ्यगच्छत्सुदुःखितः 2.45.58d. अभ्यगच्छत्सुपुण्यानि 1. 208. 1 . अभ्यगच्छत्सुसंहएः 1. App. 92.26 pr. अभ्यगच्छत्स्वयं भूत्वा 5. 101.86. अभ्यगच्छददीनात्मा 3.11.25.9.62.34". अभ्यगच्छदनिन्दिता 1. 92. 320. अभ्यगच्छदरिंदमः 5.57 1:48). 14. अभ्यगच्छ हशाननः 3.261.51. अभ्यगच्छद्युधिष्टिरम् 3.256. 14. अभ्यगच्छन्त सहिताः 11. 15.9. अभ्यगच्छन्त सुनीताः 3. 145.326. अभ्यगन्छन्दिदृक्षर: 2.40. 11'. अभ्यगच्छन्धर्मशीला: 3.92. 136. अभ्यगच्छनदी गुण्यां 13.20.3. अभ्यगच्छन्ती पारी 1.58.9". अभ्यगच्छन्मनस्विनम् 5.88.82". अभ्यगच्छन्महातपाः 12.253.100. अभ्यगच्छन्महातेजाः 2.24. 13. अभ्यगच्छन्महात्मानं 14.58. 176. अभ्यगच्छन्महाद्युतिः 1.210. 11d. अभ्यगच्छन्महाबाहो 12.21. 11. अपगच्छन्महामुनिम् 13.01.31. अस्पगच्छन्महारण्यं 3. 13. 85. अभ्यगच्छन्महीपतिम् 1. 207. 144. अभ्यगच्छन् युधिष्ठिरम् 2. 18.31. अभ्यगच्छं जवेनाशु5. 178.2 अभ्यगच्छं तदा रामं 5. 180. 130. अभ्यगच्छंत्तथान्योन्यं 7. 162. 38. अभ्यगच्छः पतिं यं वं 1.67.27. अभ्यगच्छास भारत 1.208. 194. अभ्यगच्छाम सत्वराः 6.95.43". अभ्यगाजवनैरश्वैः 7.07.26. अभ्यगात्सह पुढेन 7. 28. 38. अभ्यगादुर्वशी बराम् 3. App. 6.8 post. अभ्यगाद्वरणीमुग्रः 7.92. 38. अभागाद्धरणों घोरः 7.91.58. अभ्यगाद्धरणी तूर्णं 7.98. 34. अभ्यगाद्वरणीं बाणः 7. 101.36deg. अभ्यगाद्धरणी राजन् 7.90. 31'. अभ्यगाझारती सेनां 7.68. 26.9.26. 46. अभ्यगादाहिनी भित्वा 7.92.43%. अभ्यगुर्धरणी तीक्ष्णा. 7. 111.15. अभ्यगुर्धरणी राजन् 7.85.6. अभ्यन्नद्रुषितो विप्रः 1.9.21. पादसूची-23 - 177 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy