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________________ अप्रमत्तस्य देवस्य] श्लोकपादरसूची [ अप्रमेयमवाप्नोति अप्रमत्तत्य देवस्य 3.213.50% अप्रमत्तः प्रतापवान् 13. App. 15. 1255 post. अप्रमत्तः प्रतिष्ठितः 13. 135. 484. अप्रमत्तः प्रमत्ते 12.220.954. 13. App. 15. 1116 pr., 4068 pr. अप्रमत्तः प्रमत्तो वा 12.212.30. अप्रमत्तः प्रमाद्यतः 12.101.280. अप्रमत्तः सदा तिष्ठेत् 4. 115*. 1 pr. अप्रमत्तः सदा दक्षः 3. 165.4". अप्रमत्तः सदा भवेत् 12. 138. 60. अप्रमत्तः सदा रक्षेत् 13. App. 15. 4016 pr. अप्रमत्तः सुसंनद्धः 7. App. 8. 265 pr. अप्रमत्तः स्थितो दान्तः 2. App. 30. 35 pr. अप्रमत्तः स्थितो धर्म 1. 173. 11'. अप्रमत्तः स्थितो नित्यम् 2. 42. 584. अप्रमत्तः स्वार्मणि 2.38.31". अप्रमत्ता च भर्तारं 13. 121.9. अप्रमत्ता नुदन्ति हि 12. 157. 4. अप्रमत्ता प्रमत्तेषु 1. 1556*. 9 pr. अप्रमत्ताभियोगजा 12. 136. 2000. अप्रमत्ता महाराज 7.87. 450. अप्रमत्ता सदायुक्ता 13. 124. 10. अप्रमत्तास्ततः स्वर्ग 12.21. 19. अप्रमत्ताः क्रियावन्तः 12.78. 159. अप्रमत्ताः शठाः कृराः 12.318. 39. अप्रमत्तेन तत्कार्य 3.33.50%. अप्रमत्तेन ते भाव्यं 13. 40. 234. अप्रमत्तेन धार्यते 14.56. 24. अप्रमत्तेन धार्मास्मि 12. 218. 15. अप्रमत्तेषु जाग्रत्सु 12. 309. 76. अप्रमत्तैर्यथातथम् 12. 41. 174. अप्रमत्तोत्थिता नित्यम् 1.72. 15. अप्रमत्तोत्थिताः क्षान्ताः 1.55.27. अप्रमत्तोत्थितो नित्यं 2. 11. 70. अप्रमत्तो निवारय 14. 1. 134. अप्रमत्तोऽनुपालय 7. 86. 11. 12. 173. 41'. अप्रमत्तोऽनुपालयन् 12. 137.954. अप्रमत्तोऽभवत्तदा 1. App. 72.96 post. अप्रमत्तो भवानघ 13. 14.238. अप्रमत्तो भवेदाजा 12.92. 51". अप्रमत्तो भवेद्राज्ञः 4.4.26. अप्रमत्तो यथा धन्वी 12.289. 31". अप्रमत्तो विनीतात्मा 2. 50.89. अप्रमत्तो हि राजानं 4. 120*. 109 pr. अप्रमत्ती बले स्थिती 13. App. 1.1. 262 post. अप्रमाणवता नीतः 12. 31*.9pr. अग्रमागं प्रसूलिमें 12. 112. 130. अप्रमादप्रयोगाच 8.25. 10. अप्रमादश्च कर्नयः 3.20. 280. अग्रमादश्च ने कार्यः 7.397*. I pr. अप्रमादश्व वः कार्यः 12. 315.6. अग्रमादश्च शौर्य च 12.92.50%. अप्रमादस्तु कर्तव्यः 3. 206. 28. अप्रमादस्वया कार्यः 15.9.8". अप्रमाई पुरस्कृत्य 13. App. 15. 4560 pr. अप्रमादः प्रम दश्च 13. App. 15. 1368pr. अप्रमादः सदा कार्यः 3.21. 8. [प्रसादः संबिभागिता 12. 285. 23. अप्रमादापाभूता भवन्ति 5.42.5. अप्रमादादयं जहात् 12.232.70. अप्रमादाद्यं तथा 12.290.554 अप्रमादादयं रक्षेत् 12. 266.6". अप्रासादी भवेत. 5. 266*.3 pr. अप्रमादेन कारयेत् 13. App. 15. 940 post. अप्रमादेन शिक्षेथाः 12. 92. 42". अप्रमादेन सुहृदां 2. 44. 17". अप्रमादो टीः स्मृतिः 5. 39.51; 60*. 1 post. अप्रमादोऽविहिंसा च 5.67. 18. अप्रमादोदोषः स्यात् 5. 43.21"; App. 2. 40A 1 pr. अप्रमुष्टशरासनाः 3. App.31.24post. अप्रमेयगतिम्तधा 13.148*. 1 post. अप्रमेयपराक्रमम् 2. 36. 2. अप्रमेयपराक्रमः 1. 450*.2 post. अप्रमेयप्रभा नं 12.330. 71". अप्रमेयप्रभां दिव्यां 2. 11. 30. आनेयबलः शौरिः 7. 133. 420. अप्रमेयवलात्मा त्वं 7. 172.74. अप्रमेयवाः शूराः 3. 1241*. + pr. अप्रमेयबलोत्साहः 1. 111 17deg. अप्रमेयमचिन्न्यं च 1. 19.7%BApp. 12. 14 pr. अप्रमेयमनायम् 1. 15. 6.2. App. 12. 26 pr. 3. 119.15. 12.274.. अप्रमेयमनामयम् 13. App. 11. 207 post. अप्रमेयमपर्यन्तं 1. 1157". I pr. अग्रश्रमनानुपम् 1. 10+* Dost. अप्रमेयमवाप्नोति 3.81.65%. पादसूची-20 - 153 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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