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________________ अपृष्टा वा ब्रवीमि ते] महाभारतस्थ [ अध्यदृष्ट्वा नियुक्तानि अपृष्टा वा ब्रवीमि ते 4. 19.01. अपृष्टो नोत्सहे वतुं 12. 128.5. अपृष्टो बहु भाषते 5. 33. 35. अपृष्टो ह्यनियोजतः 4. 113*. 1 post. अपृष्ट्वा विदुरं ह्यस्य 2. 45. 49". अपेतकर्णाः पुत्रास6. 17.14. अपेतकामक्रोधानां 12.262, 15. अपेतकोधलोभोऽयं 5.94.21". अपेतगृहधर्मोऽपि 12.63.2. अपेतजननिर्योपं 3. 206.40". अपेतदोषानिति ताधिरित्या 12. 288.3G. अपेतधर्मव्यवहारवृत्तं 3. 180.20. अपेतधर्मों ब्रह्महा चैव स स्थात् 1.71. . अपेतनिन्दास्तुतिरनिवाप्रियः 12.237. 36". अपेतन्यायशास्त्रेण 12.715*. 1 pr. अपेतमुपपन्ना) 12. 308. 78. अपेतविश्वस्तमहाभूषणं 7.45. . अपेतव्रतकर्मा तु 14. 26. 100. अपेतशस्त्रसंनाहान 10.8.7. अपेतशिशिरे काले 6.89.20. अपेत सबलाः सर्वे 2. App. 21.16pr. अपेतं ब्राह्मणं वृत्तात् 12.35. 19. अपेतः पश्य लोमश 3. 114. 11. अपेतः सर्वधर्मेभ्यः 13. App. 14. 2001 16pr. अपेतार्कप्रभाजालाः 3. 170. 36. अपेतोदकधूमानि 2. App. 41.0p. अपेत्य राष्ट्राइसतां तु तेषां 3.26.". अपेत्याहमिमां हत्या 12. 205.. अपेयश्च महोदधिः 3. App. 20.BSpost. अपेयं तद्विजानीयात् 14. APP... 2325. अमेयः सागरः क्रोधात् 3. 197.24. अपेयः सागरो येषां 13. 1:30. 17. अपेयास्किल भाः सूर्यात् 3.31. TIM. अपैतु ते मनातापो 5. 195. 100. अपैशुन्यरताः सन्तः 13. 182.21. अपो गच्छति यो हन 13.App. 14. TDPE. अपोढं मात्यमम्बुभिः 2. 48.. अपोथयत्कौरवान्भीषयाणः 7. 161. 614. अपो वापि प्रवक्ष्यामि 2. 43.27. अपो वायु पृथिवों चान्तरिक्षम् 1. 8.5. 11'. अपोवाह कृपः शल्यं 9.11.2 अपोवाह च वासोऽस्याः 1.66.36. अपोवाह च संत्रात: 8.40.38 अपोवाह ततः क्षिपं9. 97.2 pr अपोवाह तदाभ्राणि 3.67. 11. अपोवाह भृशं वस्तः 8. 17. 45. अपोवाह महाबाहुः 9.20.29. अपोवाह यशस्विनम् 6.50. 1094.9.22.8. अपोवाह रणाजिरात् 6. 112.2018. ABP. 18.21 post. अपोवाह रणातं तु 8.18.15. अपोवाह रणात्सूतः 8.40. 17. अपोवाह रणाद्यन्ता 7.90. 4. अपवाह रणाद्राजन् 6.54 17.8. 11. 40. अपोवाद रणावीरस् 7. 181.23. अपोवाह रणे भीरून् 6. 99.354. अपोवाह रणे राजन् 6. 112.26. अपवाह रथस्थं तं 3.600*. 1pr. अपोवा रथातूण 7. 14. 32. अपोवा: रशान्तरम् 8. 32. Got. अपोवाह रथेनाजी 6.69.86; 79.52. 8. 11. 41deg; 31,413 12.48,536355,666.9.21.22. अोवाद रथेनानुः 1. App. 103. 171P. 7. 14. 12. अपोबाह बसिष्टं तु 9. 41. 34. अपोवाह सुसंभ्रान्तः 6. App. 4. 3:51r. अपोदाह रम हानपीन .21.25. अबाध शीघ्रं सः 8. 41. 5. अपो निना मायुते 5.15. 360 अपोहि प्रायः शीला: 12.21.64 अपोहा वि भान्यजाणि 1. APP. 97. 13pr. अपोल वसनंदकम् 2.03. 10. अपोहा सर्व प्रकल्पान 14.50.34 अप्लोमा मेनुनिष 3. 100. 1:". भिकरदन महत् 7. G. Ds. [अप्यगम्यागमनं तथा 12.150.394. अप्पग्निसमाजसः 1. 601*. 1 just. [अप्यनिहोत्रले काम् 14. APP. 4. 2050 piyst. अप्याग्निं प्रविशेगुस्से 5.:. . [प्यतितेजस्तथैव च 12. 160.35. [अप्पतिर्षि नोपयारयेत् 13. 118. 18. अपात्र गाथा गायन्ति 7. App. 8.468A1pr. अप्पन गायां गायन्ति 1. 112. 13. अप्यत्र संप्तवायाध 3.87. 11. [अप्पथ वा वृक्षलिकः 14. App. 4. 2008 post. अप्य श्रुतं वापि 13. 107. 10". अप्यदृष्ट्वा नियुकानि 12. 120. 220. - 150 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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