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________________ अपीदानीमयं शत्रुः] महाभारतस्थ [अपूपमांसवाट्यानां अपीदानीमयं शत्रुः 12. 136. 46. अपीदानीं भवेदस्य 7. 116. 330. अपीदानीं मम सुताः 3. 46. 334. अपीदानी शरीरेऽस्मिन् 3. 186. 1174 अपीदानी स तेजस्वी 3.278. 14". अपीदानी स धर्मात्मा 1.7.9". अपीदानी स भगवान् 12,331. 35". अपीदानों सुयुद्धेन 9. 4. 339. अपीन्द्रो वज्रमुद्यम्य 8. 27.29%. अपीमे वसुधाधिपाः 2. 38. 38. अपीयं वाहिनी कृत्स्ना 8. 18. 46". [अपीश्वरोऽस्मान्प्रपालय 14.93*. 1 post, अपीह कच्चित्स हतस्त्वयाद्य 8. 46. 46. अपीह स्यादपीह स्यात् 12. 19. 16. अपुण्य एप भवतु 13. 139.269. अपुण्यपुण्योपरमे 12. 47. 360 अपुण्यमयशस्यं च 11. 60*.2 pr. अपुण्यशीलाश्च भवन्ति पुण्याः 3. 200.280. अपुण्यां योनिमथुते 3. 200. 300. अपुत्रतां त्रयः पुत्राः 13. 68. 18. अपुत्रत्वं वरं भवेत् 3. 127. 120. अपुत्रया च श्रोतव्यं 18.33*. pr. अपुत्रया मया राजन् 5. 192.24. अपुत्रस्य गृहं कुतः 13. App. 20.262post, अपुत्रस्य गृहेण किम् 1. App. 50. 1 post, भपुत्रस्य जगच्छून्यं 1. App. 50. 1 pr. 13. App. 20. 262 pr. अपुत्रस्य ततो राज्ञः 5. 189. 124. अपुत्रस्य तु राज्ञः सा 5. 189. 1:34. अपुत्रस्य पितुर्हरेत् 13. 45. 13t. अपुत्रस्य वृथा जन्म 2. 179*. 6 pr. अपुत्रत्यापि मे लोकाः 1. 94. 88. अपुत्रः पुरुषर्षभ 1. 97.84. अपुत्रः पुरुषो भुवि 13. App. TA. 1 ( subst.) post. भपुत्रः प्रसवेनार्थी 1. 207. 17. अपुत्रः स नरव्याघ्र 13. 12.30. अपुत्रः स महाबाहुः 13. 4.6%. अपुत्रा च विशां पते 5. 189. 24. अपुत्रा जननी तेऽद्य 12. 18. 12. अपुत्राणां च योषिताम् 12. 26. 3. अपुत्रा पुरुषव्याघ्र 1. 112. 180. अपुत्रायाश्च यहुःखं 2.559*. 1 pr. अपुत्री तु नरः स्वर्गात् 1. 844*. 1 pr. अपुत्रो यदि वा भवेत् 13. 47. 21".. अपुत्रो लभते पुत्रं 3. 4484. 3 pr. 12. 327. 105". 13. App. 18.96 pr. अपुत्रो लभते पुत्रान् 13. App. 14.5154 10 pr. अपुनदर्शनं मार्ग 7. 59. 189. अपुनर्भवसंस्कृतम् 13. App. 11. 261 post. अपुनर्भावसंयुक्तः 13. 112. 856. अपुनरिकामानां 13. 16. 326, 634. अपुमानिति विख्यातः 3. App. 6. 135 pr. अपुमांसः कृताः स्त्रीभिः 3.222. 15. अपुमांसोऽङ्गहीनाश्च 12.91. 31deg. अपुमांस्तस्य पुत्रस्तु 6. 430*. 1 pr. अपुष्पादफलाद्वृक्षात् 5. 70. 20deg. अपुप्पानफलान्वृक्षान् 5.241*. 1 pr. अपुंभिश्चैव पुंभिश्च 4, 120*. 83 pr. अपुंस्त्वमप्यस्य निशम्य च स्थिरं 4. 10. 11. अपुंस्त्वं लभते सोऽपि 13. App. 14. 131A 2 pr. अपुंस्तेन तथैव च 3. App. 6. 151 post. अपूजयत मां राजन् 3. 163.126. अपूजयत्सुरऋषिमानवाचितं 3.93*.3. अपूजयदमेयात्मा 3.220. 13. 9. 28. 90deg. अपूजयन्त तं देवाः 7. 118. 300. अपूजयन्त संहृष्टाः 1.96.34. अपूजयन्ननीकानि 9. 15. 12. अपूजयन्नप्सरसः सुराश्च 7. 131. 1354. अपूजयन्नरच्याघ्रं 1. 142. 31". अपूजयन्महात्मानः 3.218. 50. अपूजयन्महाभागं 9.35. 13. अपूजयन्महाराज 7.75.9; 1183*. 1 pr. अपूजयन्महेष्वासाः 8.56.280. अपूजयन्मारुतिं च 7. 83. 39". [अ]पूजयन्योधवराः समेताः 7.94. 18%. अपूजयं च मनसा 13. 144. 489. अपूजयस्तत्र नराधिपं तं 9. 19.9. अपूजयस्तदा वाग्भिः 6. 19. 15 अपूजयेतामन्योन्यं 3. 237. 15. अपूजयेतां वाष्र्णेयं 7. 164. 1554. अपूजिताश्च यत्रैताः 13. 46.59. अपूजिता ह्यग्निसमा द्विजातयः 4. 180*. 69. अपूजितो गृहस्थैर्वा 14. App. 4. 2230 pr. अपूज्यपूजने चैत्र 12. App. 28. 34 pr. अपूज्यमानाः कौरव्य 13. 332*. 1 pr. अपूपमांसवाट्यानां 8. 30. 15. - 118 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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