SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 141
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अपकृष्टशिरोरहै:] श्लोकपादसूची [अपतिश्चापि या कन्या अपकृष्शिरोलहै: 9. 22.5% अपकृष्टश्च को ये I. Ap. 90. 16 post. अपकृष्टं रणाजिरात् 7. App.2.86 post. अपट्टष्टाम्बरां / . . . अपकृष्टाः सतां भाग 2.19.7. अपकृष्टेन जन्मना 2. Ash. 2. अपकृष्टोतरायः3.15.16. अपकृष्टो महाबाद.200... अएकृष्य च लज्जमां 3.67. . अपकृप्य ततो नार 1.21.24. अपकृष्यमाणः कौनयः 7.1.1.14". अपकृष्यमाणे वसती 2.17* I pr. अपकृप्येत भारत 14.::.:". अपक्रमितुमिच्छेहा : 120.11. अपक्रम्य तुतलू.C4.16. अपक्रम्य तु ते राजन 11.10.20%. अपक्रम्य या रथा...160.ipost. अपक्रम्य ययू राजन् .. . . अपक्रम्य सभोवस 7. 11:.. अपक्रष्ट नरर्षभ I. App.3.9post. अपक्रष्टुं बलातः 1. 1:30.:". अपक्रान्तस्ततो यज्ञः 10. 18. 13. अपक्रान्तं निशाम्ब 7. 161.22. अपक्रान्तः स्वधमांच 7.168.:". अपक्रान्तास्तुमुल संविभः 6.81.34. अपकान्ले च का तुत्स्थे 3.28.12. अपक्रान्त तम्तस्मिन् 10.5 126". अपक्रानो ततो को 10. is. . अपक्रान्ते ततो 230.pr. अपक्रान्ते तव सुने 9.21. अपकाने तु नृपती 9.25. St. अपक्रान्ते नारा 3. Co. 1". अपकान्तेषु चैते . 116... अपक्रान्तो महालाना 7. 100... अपक्रान्तो यदि 210.. अपक्राभेततः विनय 12.188.11. अपकार या 12.300... अपकमतयोभन्दाः 12. 10. 13". अपकमतयोऽशिवाः 12.261. 494. अपकमेव तन्मांसं 13.01.24. अपकस्य च कालेन 3.151.31. अपक्कः पसंकार: 5. 138*. pr. अपक्कानागते काले 14.15.12. अपक्षान्मक्षसंस्थितः 1. 134. 24. अपक्षैः पक्षसंकाशैः 6.72. 14. अपक्षैः पक्षिसंकाशैः 7. 89. 11. अपगच्छ पथोऽरमाकम् 1. 166.5". अपगतफलसंचयः प्रहृष्टः 12. 172.32. असन्तभयमन्युलोभमोहः 12. 172.37. अपगतमयरागमोहदर्पः 12. 172. 314. अपचकाम समर 7.836*. 1 pr. अपचाहदराण्येव 9.286*.6 pr. अपचढ़ाजाल 9.47. 19. अपचन्त तदा स्थायां 13. 94. 10. अपचारं गया तस्मात् 13. 69. 33. अपचारिणां च ये लोकाः 7. 16.31. अपवारण चैतासां 13. App. 15. 349 pr. अपज्यमकरोत्पार्थः 4.5. 17. अपज्यमकरोद्वीरः 4. 5. 23deg. अपव्यं क्रियतां चापं 1. 1377* + pr. अपञ्चयजनस्य च 13. 353*. 1 post. अपण्डितो वापि सुहत् 5. 38. 18. 12.82.30; App. 25. p. अपतर कुञ्जशदन्यः 7.31. 130 अपतत्वाच्युतो गृध्रः 2. App. 28. 109 pr. अपतत्रसिरे सर्वे 12.61. 30. अपतत्स तदा भूमौ 3. 219.256 अपतत्सहसा तत्र 6.60.37. अपतला हसा राजन् 6. App. 1. 220 pr. अपतत्साधकादिवः 8.5.40". अपतत्सुमहद 9. 60.51. अपतत्स्यन्दनोत्तमात् 8,3524. अपतदग्धभूयिष्टं 3.221.37. अपतद्दीप्यमाना च 7.6.27. अपत दुवि निस्त्रिंशः 7. 111.2. अपतम्त निकुत्ताङ्गाः 6.86.42". अपतन्त रणे बाणाः 9.28.56. अपतन्त स्थौघाश्च 7. 172.26. अपतन्भूतले राजन् 3. 221. 46. अपतन्मयोपरि 3. 167.. अपतन्मेदिनीतले 7. 101. 624. अपतनरुधिराङ्गाः 13.31. 40". अपतन्हतपुत्रयोः 15.50*. 1 post. अपतियसि कृपणेति 8.5. 80%; 792". 1 pr. अतिरंसि द्रुपदस्थात्मजा त्वं 8.950*.. आपतिश्चापि या कन्या 1. 80*.2 pr. - 133 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy