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________________ अन्यैरपि च पार्थस्य ] महाभारतस्थ [अन्योन्यम वन्देवाः अन्यैरपि च पार्थस्य 8. 43. 16. अन्य रिष्टैश्च पूजय 1 App. 114.57 post. अन्यैर्ऋषिरुदारधीः 1. 172.8. अन्यैर्गुणैरुपेतं तु 13. 44. 31". अन्यैर्गुरुना वध्यन्तां 7. 171. 30deg. अन्यैर्दत्तं तपस्विभिः 5. 104. 11'. अन्यदत्तानि कानिचित् 3. 93. 264. अन्यदृष्टिविलोभनैः 13. App. 15.3451 post. अन्यैर्देवैरहं प्राप्तः 4. 987*. 1 pr. अन्यैर्नरैर्महाबाहो 12. 126.7. अन्यैर्न सदृशं नृपैः 7. App. 8.519 post. अन्यैर्बहुविधैर्वित्तैः 3. 284. 16. अन्यैर्मन्मयसामभिः 14. App. 4. 1550 post. अन्यैश्च कुरुभिः साधं 5. 367*.Gpr. अन्यैश्च ऋतुभिर्धीमान 3.54. 36'. अन्यैश्च क्रतुभिर्मुख्यैः 3. 126. 6. अन्यैश्च धार्तराष्ट्रैश्च 2. 498*. 1 pr. अन्यैश्च पुरुषव्याघैः 14. 14. ". अन्यैश्च बहुभिर्योधैः 2. 23. 19. अन्यैश्च बहुभिवृक्षः 1. 116.3. अन्यैश्च बहुसंशो] राजन् 7. 833*. 3 pr. अन्यैश्च विविधाकारैः 7. 162. 41. अन्यैश्च विविधायुधैः 2. App. 21. 885A5post. भन्यैश्च विविधैर्गन्धैः 1. 118. 22". भन्यैश्च विविधैर्दुमैः 1. 199. 424. अन्यैश्च विविधैर्यज्ञैः 7. App. 8. 453 pr. 14. 13. 19. भन्यैश्च सर्वैर्गुणभावविस्तरैः 8. 1020*. 3. भन्यैश्चापि बनेचरैः 1. 63. 131. भन्यैश्चाभरणैश्चित्रैः 7. 123. 36. अन्यैश्चैव किमिच्छकैः 13. 34. 2. भन्यैश्चैव महर्षिभिः 12. App. 32.6 post. अन्यैश्चोपाहृतान्यत्र 2. 48. 21. अन्यैस्तु शुक्लपत्रैस्तु 14. App. 4. 1650 pr. अन्यैस्ते च प्रमाणतः 5. 166. 204. भन्यस्त्वं पाण्डवैर्वापि 4.28. 13. भन्यैः समृद्धैरप्यथैः 3. 10.5. अन्यो गर्भगतो भूत्वा 13. App. 15. 2552 pr. भन्योऽग्निरिह लोकानां 3. 207. 10. भन्यो जीवः शरीरस्य 12. 211. 27. भन्यो जीवितमाददे 7.237*. 2 post. अन्यो दुर्योधनात्कर्णात् 7.61. 424. अन्यो देवात्सहस्राक्षात् 4. 48. 16. भन्यो धनवतामपि 5.36.05. अन्यो धनंजयात्कर्तुं 5. 85. 11. अन्यो धनं प्रेतगतस्य भुझे 5. 40. 15. अन्यो धर्मः प्रियस्त्वयः 1. 787*. 1 pr. अन्यो धर्मः समर्थानां 12. 128. 13. अन्यो धर्मः समस्थस्य 12.252. 4". अन्यो नरो वाप्यथ वापि नारी 3. 250.2d. अन्योन्यकरणे शुभे 12. 137. 48. अन्योन्यकर्माणि तथा तथैव 12. 139. 86. अन्योन्यकलहे चापि 1. App. 114. 101 pr. अन्योन्यकिरणग्रस्तौ 2. App. 21. 763 pr. अन्योन्यकृतवैराणां 12. 137. 276, 376. अन्योन्यकृतवैरौ तु 12. 136. 1956. अन्योन्यक्रोधताम्राक्षौ 7. App. 24. 39 pr. अन्योन्यगतसौहार्दात् 1. App. 72. 88 pr. अन्योन्यगुणयुक्तस्य 12. 308. 155. अन्योन्यगुणसंश्रयात् 12. 293. 14, 15. अन्योन्यजनिताश्रयौ 12. 108. 114. अन्योन्यजयकाशिणौ 2. 21. 100%; App. 21. 1501 post. 4. App. ll. 2 post. अन्योन्पनियतान्वैद्यान् 14.35. 260. अन्योन्यपरिपिष्टाश्च 9. 22. 474. अन्योन्यपरिभक्षणात् 1. 60.52". अन्योन्यप्रकृतियेषा 1. 674*.pr. अन्योन्यप्रतिभाविकम् 1. 200. 20. अन्योन्यप्रियकारिणः 2. 49. 199% App. 33. 14 post. अन्योन्यप्रीतिवर्धनम् 9. 11. 360 अन्योन्यप्रीतिसंयुक्ताः 1. 102. 6. अन्योन्यप्रेक्षया पश्य 6.51. 39. अन्योन्यबन्धनावेतौ 5. 37.34. अन्योन्यभक्षणं दृष्ट्वा 12.290.37. अन्योन्यभक्षणे सक्ताः 12. 185.234. अन्योन्यभेदात्ते सर्वे 1. 70. 15. अन्योन्यमनुजानताम् 13. App. 7A. 212 post. अन्योन्यमनुनीयैवं 3. 7. 24. अन्योन्यमनुरागं च 3. 199*. + pr. अन्योन्यमनुषजन्ते 14. 30. 20. अन्योन्यमन्यौ च यथा 12. 187. 386. अन्योन्यमपराजितौ 4. 53. 244. 6. 43. 764. अन्योन्यमपसव्यं च 7. 163. 24deg. अन्योन्यमपि चाजघ्नुः 7. 64. 43". अन्योन्यमपि चान्येषु 14. App. 1. 31 pr. अन्योन्यमप्यत्रविदौ महापैः 8. 1063*. 11. अन्योन्यमब्रुवन्देवाः 7. App. 8.534A 1 pr. 12. 29.76deg. - 126 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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