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________________ अन्तरिक्षगतो वत्सः ] श्लोकपादसूची [अन्तर्गतं तु तद्राज्ञः अन्तरिक्षगतो वत्सः 3. App. 21A. 145pr. 14. App. 4. 1922 pr. अन्तरिक्षगतोवाच 6. App. 1.34 pr. अन्तरिक्षगमास्ततः 3. 169.64. अन्तरिक्षचरस्तदा 7. 163. 494. अन्तरिक्षचरः कोऽयं 12. 319. 16. अन्तरिक्षचरः श्रीमान् 9. 48. 14. 12.319. 10%; 324.6%. अन्तरिक्षचरा घोराः 2. 3. 264. अन्तरिक्षचराणां च 3. 157. 44". 12. 172. 160. अन्तरिक्षचराणि च 3. 81. 168. अन्तरिक्षचरा ह्यस्मि 1. 139. 264. अन्तरिक्षचराः सर्वे 12. 220. 574. अन्तरिक्षचरेण वै 12. 312. 84. अन्तरिक्षमथापि वा 12. 125. 314. अन्तरिक्षमुरो विद्धि 14. App. 4. 109 pr. अन्तरिक्षसवर्णास्तु 7. 22. 400. अन्तरिक्षस्थमब्रवीत् 1. 121. 134. अन्तरिक्षस्य चाभिभो 12. 310. 14. अन्तरिक्षस्य चैव ह 12. 320. 33. अन्तरिक्षस्य विषये I. 2. 238. अन्तरिक्षं च दक्षिणः 14. App. 4. 2604 post. अन्तरिक्षं च पत्रिभिः 4.48. 196. अन्तरिक्षं च सहसा 9. 14. 36deg. अन्तरिक्ष दिशश्चैव 6. 87.3. अन्तरिक्षं दिशम्तथा 1. 1. 344. 7.71. 10. अन्तरिक्षं ववर्ष ह 3. 296. 29. अन्तरिक्षं विशां पते 9. 49. 24. अन्तरिक्षं व्यराजत 4.31.64. अन्तरिक्षं व्यराजताम् 4.818*. 6 post. अन्तरिक्षं समन्ततः 12.320. 15. अन्तरिक्षं समाचिनोत् 7. 199*. 1 post. अन्तरिक्षं समावृतम् 7. 805*.1 post. अन्तरिक्षाच कौरव्य 12. 311. 136. अन्तरिक्षाजलं मूर्ना 13. 253. 17. अन्तरिक्षात्स शुश्रुवे 3. 296. 11', 25%; 297. 10. अन्तरिक्षादन्यतरं 12.210.276. अन्तरिक्षादभाषत 3.75. 11'. अन्तरिक्षाद्भयानकम् 8.26. 364. अन्तरिक्षान्निपतिता 3. 575*. 1 pr. अन्तरिक्षान्महाराज 13. 140.8. अन्तरिक्षान्महीतलम् 3. 99.59. अन्तरिक्षे गतिर्येषां 4.574*. 1 pr.; 577*. 1 pr. अन्तरिक्षे च पुष्करम् 3. 81. 173. अन्तरिक्षे च भूमौ च 2. App. 28.9 pr. अन्तरिक्षे च राजतम् 8. 24. 15. अन्तरिक्षे चराम्यहम् 1. 69.3. अन्तरिक्षे च वागासीत् 14. 69.20. अन्तरिक्षे च शुश्राव 6. 114. 87. अन्तरिक्षेऽन्तरिक्षस्थः 3. 292. 12. अन्तरिक्षे पुनः पुनः 5. 181.st. अन्तरिक्षे पुराणि वै 7. 173. म. अन्तरिक्षे प्रजल्पन्ति 4. App. 51. 1 pr. अमरिक्षे महानादः 7. App. 16.84 pr. 9.57. 49. अन्तरिक्षे महाराज 8. 63. 450; App. 37. 18 pr. अन्तरिक्षे बराहस्य 6.2.25. अन्तरिक्षे विमानानि 3. 195. 164. अन्तरिक्ष विरेजिरे 6. 98. 11'. अन्तरिक्ष विशां पते 7. 48. 20%; 117. 24deg; App. 22. 49 post. अन्तरिक्षे व्यराजन्त 4.59. 11'. अन्तरिक्षे शरीघाणां 8. App. 18.36 pr. अन्तरिक्षे शितैः शरैः 7. 97. 41'. अन्तरिक्षे स्थितो ह्यस्मि 5. 183. 13. अन्तरिक्षे हि शुश्राव 3. 38. 30. अन्तरीयोत्तरीयाणि 5. 150. 20deg. अन्तरे चैव संप्राप्ते 1. 2. 90. अन्तरेण कलिङ्गानां 6. 50. 950. अन्तरेण गुणानिमान् 12. 207.54. अन्तरेण च सेनायाः 4.889*. 10 pr. अन्तरेण मयाज्ञप्तः 12.258. 50". अन्तरेण यकृल्लोमान् 4. 5.4". अन्तरेण वधात्यार्थ 5.77.8.. अन्तरेण विनिःसृतः 6. 114.7'. अन्तरेण सुभद्रां च 1. App. 114. 449 pr. अन्तरेण हतावेतौ 8.5. 624. अन्तरेणापि कौन्तेय 3. 49. 28". अन्तरेणापि देवितुम् 4. 63. 324. अन्तरे दुष्करं स्थातुं 1. App. 103. 22 pr. अन्तरेभ्यः परारक्षन् 12. 90. 124. अन्तरेषु पतन्त्यथ 1. 25. 14. अन्तरेग्ववतिष्ठन्ति 4. 45. 24. अन्तरैरभिसंधाय 12. 83.35%. अन्तर दयित्वारीन् 12. 106. 10. अन्तरैव धनंजयः 14.77. 14. अन्तर्गतमभिप्रायं 13. 125. 260 अन्तर्गतं तु तद्राज्ञः 1. 166.230. पादसूची-15 - 113 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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