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________________ अनादिमध्यनिधनः] श्लोकपादसूची [अनायसं कथं विन्द्यां अनादिमध्यनिधनः 13. App. 3.1. 86 pr., 410 pr. अनादिमध्यपर्यन्तं 12.73*. G pr. 13. App. 3A. 388pr.; App. 5. 3 pr. ; App. 11. 148 pr. अनादिमध्यान्तमनन्तकीर्तिम् 5. 69.6". अनादिमध्यान्तमनन्तवीर्य 6. 33. 190. अनादिमध्यान्नमपारयोगं 6. 61. TOP. अनादिमानप्रतिमप्रभावः 6. 104*. 1. अनादियोगेन भवन्ति पुंसः 5. 246*. 16. अनादिरा डर्विश्वस्य 12. 47. 47deg; App. 7.21 pr. अनादि भुयो लक्ष्मीः 13. 135. 114". अनादिर्विश्वकृत्तमः 13. App. 3A, 402 post. अनादिष्टस्तु गुरुणा 7. 87. 14". अनादिष्टं तथैतानि 12.50*.3 pr. अनादृतास्तु यस्यैते 12. 109. 11. 13. 7. 26. अनादृत्य च केशवम् 1.212.296. अनादृत्य ततः शक्रं 3. 124. 13. अनादृत्य ततो भीप्सः 6.82.26%. अनादृत्य तदप्रियम् 12. 171. 434. अनादृत्य तु तद्वाक्यं 3. 296. 130. 5. 48. 46. 8. 26. 300. 9.31.520. अनाहत्य बलं बाह्वोः 7. 158. 350. अनादृत्य महात्मानं 3. 106. 1. अनाहत्य वचः पथ्यं 7.1.21". अनाहत्येव तद्वाक्यं 3.40. 126. अनादेयश्च संसदि 12. 97.9". अनादेशे जपो होमः 12.50*. 1 pr. अनाद्यन्तमजस्यान्तं 13. App. 4. 71 pr. अनाद्यन्तमजं दिव्यं 12.224.11". अनाद्यन्तम देवं 3. App. 27. 86 pr. अनाद्यन्तमजं शंभु 14. 24*. 2 pr. अनाद्यन्तं परं ब्रह्म 12.70*. 1pr. 13. App. 11. 153 pr. अनाद्यन्ता तु सा तृष्णा 3. 2. 360. अनाद्यन्तावुभावेतौ 12. 210.7. अनायं यत्परं ब्रह्म 12. 203.210. अनायो ह्यमध्यस्तथा चाप्यनन्तः 12.330.25%. अनाधृययशोबलम् 7. 8. 35. अनाधृष्यं दुरात्मभिः 3. 222.33%. अनाप्यं महाबलम् 5. 180. 11'. अनावृष्यः कुण्डभेदी 1. 108. 13"; App. 41. 26 pr. अनाप्यः परैर्युद्वे 11. 21.8". अनारन्या भविष्यामः 5. 1:03. 14. अनानृशंस्य कर्म फुय दमूढः 5. 32. 194. अनापदि च शूद्वान्नं 13. App. 15. 479 pr. अनापन्ना भुजंगमाः 13. App. 1A. 142 post. अनापराधिनं यस्मात् 5.9. 41. अनापृच्छय च राजानं 1. 205. 16". अनाप्तदक्षिणैर्यज्ञैः 12. 159. 22". अनाप्तः सन्नाप्ततमस्य वाचं 5. 26. 11". अनाप्तानां प्रग्रहात्वं नरेन्द्र 5. 32. 200. अनार्दत्तमादत्ते 1. 133. 220. अनाभरणसंपन्ना 3. 599*. 1 pr. अनामय तु सर्वदा 13. App. 15. 1496 post. अनामयैव तान्धिमान् 12. 39.25. अनामयं च राजेन्द्र 12.313.7% अनामयं च वां कञ्चित् 3.201. 11. अनामयं जनस्यास्य 1. 148.9". अनामयं तन्महदुद्यतं यशः 5. 44. 24. अनामयं परिपुरडेजघन्यम् 5. 30. 374, 394. अनामयं परिपृच्छेः समग्रान 5. 30. 251. अनामयं पृच्छति बाम्बिकेयः 5. 23.40. अनामयं प्रतिजाने तबाहं 5. 23.6. अनामयं मद्वचनेन पृच्छे: 5.29. 36deg, 380. अनामयं मद्वचनेन पृष्ट्वा 5. 30. 35. अनामयं मदुचनेन वाच्यः 5. 30. 224. अनामयं स्याद्धर्मत्य 3. 14. 11. अनामयं स्वस्ति चेति 5. 144. 264. अनामया वीतशोकाः 6.7. 31". अनामयाम्तात मनस्विनस्ते 5.24. 1. अनामिपमिदं कर्म 3.235. 38deg. अनामृष्टं रवेः करैः 3. 145.21. अनानायमला वेदाः 5.39. 64. 12. 315. 20*. अनाम्नायविधानाद्वै 12. 564*. 2 pr. अनाम्यं नमतोऽब्रवीत् 5. 37.2". अनाम्यान्नमतस्तथा 5.37.". अनायक इवाचक्षुः 12.84. 250. अनायका तथा सेना 7. 40*.2 pr. अनाय नृणां ह सा 18. 13*.5 post. अनायसं कथं विन्द्यां 12. App. 25. 18 pr. अनारधिरभूत्तेषां 1. 875*. I pr. अनामिहातेजाः 1. 213. 26". अनाष्टिश्चेकितानः 5. 149.620. अनावृष्टिसुताम्तात 1. 89. 10%. अनाष्टिस्तथाकरः 4.67.210. अनाष्टिं कुण्डभेदं 6. 92. 26". अनाध्यमिवान्येषां 7.73. 12. -93
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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