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________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख / 46 मणिभद्रजी का मन्दिर (213) 16. श्रीपार्श्वनाथजी प्रतिमा लेख. संवत 1880 ...." रायचन्द पचेसरा (214) 17. स्थापना लेखः वि.सं. 2032 माघ शु. 14 शनौ पृश्य अस्य मणिभद्रस्य मंदिरे श्री. र्श्वनाथादि प्रभुणां पुनः प्रतिष्ठा बालोतरा श्रीसंधेन कारिता प्रतिष्ठितं तपागच्छेश हितान्तेवासि विजय हिमाचलसूरिभिः श्रीरस्तु ..(215) / 18. पंच धातु प्रतिमा लेखः ॥सं. 1525 वर्षे मार्गशीर्ष वदि 6 शुक्रे श्रीउपकेशज्ञातीय श्रीगड़गोत्रे म. / / नरपाल पु.बछराज भा.पकम्मी पु.सारंग सुदयवत्छीभ्यां पेतु पुण्यार्थ श्रीकुयनाबिंब कारितं / श्रे. श्रीरूड़पल्लीय ग. श्रीदेवसुन्दरपूरिपट्टे भ. श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः श्रीसंभवनाथजी का मन्दिर (खरतरगच्छ) (216) 16. पब्बासन पर लेख: सं. 2041 माघ शुक्ल त्रियोदश्यां रात्रौ प्रभुसंभवनाथ-पार्श्वनाथादिबिम्बानां अंजनशलाका कारापितं सं. 2041 माघ शुक्ल चतुर्दश्यां सोमवासरे पुष्य नक्षत्रे प्रभसंभवनाथ, पार्श्वनाथ, गौतमस्वामी, दादा जिनकुशल सूरि, नाकोड़ा भैरव, घटाकर्ण महावीर यक्ष-यक्षिण्यादि-बिबानि प्रतिष्ठापितं खरतरगच्छे प्राचार्य जिनकान्तिसागरसूरि, मणिप्रभसागरादिभिः // शुभं भवतु श्रीसंघस्य // 1 (217) 20. श्रीसंभवनाथ प्रतिमा लेखः सं. 2041 माघ शुक्ल 14 बालोतरानगरे दादावाटिकायां जैनश्व खरतरगच्छसंघेन कारापितं श्रीसंभवनाथ जिन बिम्ब प्रतिष्ठापितं खरतरगच्छाचार्य जिनकान्तिसागरसूरि, मणिप्रभसागरादिभिः .
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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