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________________ 42 ] बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख प्राज्ञानुवर्ती प पू. प्रवर्तनी प्रेमश्रीजी म. सा. की प्रशिष्या सुलोचना श्री जी म.सा. सुलक्षणाश्रीजी म. सा. के सद उपदेश से मन्दिर के केशर, धूप, दाप, दूध के लिये साधारण खातों की नामावली............ कल्याणपुरा मन्दिर व दादावाड़ी (180) 1. लेख-श्री पार्श्वनाथ जिनालय व तीर्थ की धर्मशाला:-' ___ कल्याणपुरा बाड़मेर श्री प्रादमल पुत्र श्री ऊमचन्द बोथरा द्वारा श्रीसंघ को भेंट भादवा सुदि 3 संवत 2008 (181) 2. दादाजी की प्रतिष्ठा लेख--- वि. सं. 2040 मार्गशीर्ष कृष्ण पंचम्यां बाड़मेर नगरे प्रवर्तिनी प्रमोदश्री पुण्य स्मृतौ तच्छिष्याः साध्वी प्रकाशश्री: रतनमालाजी। विद्युतप्रभाजी: शासन-प्रभाजी ! प्रभृतयः तासां सदुपदेशेन छाजेड़ गोत्रीयो विशनचन्द पुत्र पौत्रेः जीवनमल नेमीचन्द बाबूलाल सम्पतराज पुखराज मदनलाल राकेशकुमार कल्याणपुरा विभागे नवनिर्मित दादावाटिकायां कारितेयं छत्री / दिनांक 25--1983 (182) 3. परम पूज्या प्र. स्व श्रीप्रमोदश्रीजी म. सा की पुनीत स्मृति में जैन श्रीसंघ द्वारा इसका निर्माण कराया गया। (183) 4. प्रवर्तनी स्व. श्रीप्रमोदश्रीजी म. की पुण्य स्मृति में उनकी शिष्या साध्वी श्रीप्रकाशश्रीजी म. के सदुपदेश से शाह जीवनमल, नेमीचन्द, बाबूलाल, सम्पतराज पुखराज, मदनलाल, राकेशकुमार छाजेड़ की तरफ से दर्शनार्थ भेंट दि.२५-११-१९८३ (184) 5. पंचधातु प्रतिमा लेख-- संवत 1356 माघ वदि 11 बुध प्राग्वाट ज्ञातीय उ. यजसीह भा. राजलदे ....... श्रीशांतीनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीचित्रगच्छे श्री. धर्मदेवसूरि शिष्ये: श्रीपद्मदेवसूरिभिः /
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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