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________________ 46 - कवि हेमरतन कृत [खंड हुँ' इहाँ विढवा आविउ नही', गढ' जोएवह जाइसु सही। म धरउ" मन महि' खोट खेद, मुझ मनि कोइ नही छल-छेद" // 292 // नृप' जंपइ-२ "आलिम ! अवधारि', कटक कोइ मेलु न लिगार। जई तुम्ह वचन हूरं हिव इसु, कटक करी नइ करि किसुं? // 293 // पिण' तई आण्या त्रीस हजार', किणि' कारणि ऍवडा' असवार ? / तुझ मनि काँइ सही छइ वात', धूत पणारी दीसइ धात" // 294 // आलिम जंपइ- "नृप! अवधारि', पाहुणडॉ' नइ इम न पचारि। थोडा हो अथवा ह्रो घणा', झेली लीजई निज प्राँहुणा // 295 // घाँन' तण छइ आज सुगाल, घणा-घणा काँइ कह भूआल। अम्हि आव्या था जिमवा सही', विढवा कारणि आव्या नहीं // 296 // जीमण' र जाण' संकोच, खरच' करताँ आवह खोच। त' वलि पाछा मेल्हाँ एह', जिम भाखउ तिम राखाँ तेह" // 297 // भूप' भण- "संभलि पतिसाह', भलह' पधान्य आलिमसाह। वलि तेडावू जॉण जिके, पिण' लघु बोल म" बोल तिके३ // 298 // // 292 // १...आपउ...B, हू...आयो..., हू...बिढवा आभ्यो...D, मैं लडनेकुं आया नही / / २...जोइ... जाइस्यु...B,...जोइ...,...जोइ नै जासु...D, गढ देखणकी है दिल सही / 3 न / / 4 धरो cDE | 5 माहि B, माँहि , मै DE | 6 खोटो , खोटा / / ७...भेद BCD, मेरे मनं नांही छल-भेद / / // 293 // १७प DI 2 पै DE | 3 आलम D / 4 अवधार D / 5 एवडउ कटस्युं नगर मझारि B, एवंडो कटसुं नगर मझारि , एवड़ौ कटस्युं नगर मंझारि D, लसकर क्युं लाए हो लारि / 6 जो...हूवउ ...इसउ B, जे तुझ...हूयो इसा C, जो तुम्हे बचन हुउ हिवै इसउ D, पहिली तुम्ह फरमाया साहिः। 7 करिस्यो किसउ B,...करिस्यौ किस्यो ,...करीनै करिसी किसो D, अलप सेनसें आई माँहि / // 294 // 1 ए...तीस...BI ए तह आँण्या तीस...०, ए तै...तीस D, अब तुम ल्याए तीस...।। 2 किण CD, किस / 3 कारण , खातर / 4 एवडा BCD, इतने / ५...काइँ...कडी ... B,...कूडी...,...काइ कूडी छै बात D, है तुम्ह मन कूडा असमान है / 6 धुर्त...दीसै...D, दिल्लीके ठग हो सुलतान / // 295 // 1 भालम DE | 2 पै D, जंपहि E / 3 त्रिप D| 4 अवधार D, राजाँन / 5 प्राणडाँ...B0, पाहुणडाने मती पचारि D, घरि आयाँ दीजै बहुमान E / 6 थोडा होइ होइ अथ घणा BC, थोडा होवै होवै घणा DE | 7 लीजइ BC, लीजै DR | 8 प्राहुणा BCE, पाहुणा DI // 296 // १धान Bc / 2 तणो, तणा DB | 3 छै DE | 4 आजि / ५सुगाल CE | ६कया DEI 7 करो 0, करै D, कहो / 8 भूपाल BCDE | 9 अम्ह...B, असे 8, हम आया...D, हम मिलवा आए ऊवही छ। 10 बिढवा...आया...D, लडवाकुं आए है नही / // 297 // १रो CE, रौ / 2 जाणे , जाणौं D, जाणो E / ३...उपने...D, ...तणौ आँणौ मन....। 4 त पाछा मेल्हावर्ड एह B, तो पाछा मेलावो एह 0, तो पाछा मेल्हाँउ एह D, कहो जितने फिरि लसकर जार) ५...राखउं तेह B, ...भाखो...राखो तेह 0, ...भाषो...राखु...D, राखी सोइ तुम्हें दिल भाइ / // २९८॥१राणा Bo, रॉण D, राई / / 2 भणि 0, भणे D, कहै / / 3 पतिसाहिDI 4 मलिक, भलै DE | 5 पधारे / 6 आलमसाहिD, आलिमसाहि / ७बलि BI8 तेडाव B, तेडावो, तेडावी DB | 9 जाणउ B, जाणो , जाणी D, जाँणौ / / १०पिणि B, पणि ODB | ११न DI 12 बोलो OPE | 13 बके BD, बके OF | A 292 | B334 / 0335/ 36511439 /
SR No.032833
Book TitleGora Badal Padmini Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemratna Kavi, Udaysinh Bhatnagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1997
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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