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________________ 20 कवि हेमरतन कृत [खंड इक' दिन' आविउ ए अभिमान, 'रतनसेन मुझ मली" मान वालुं वयर किसी परि एह, सौमि धरम नई दीध छेह // 148 // "त' हुँ' ज' पदमिणि' अपहरं, चित्रकोटथी अलग करुं। पदमिणि' नारि खरी पड़वड़ी', लगि पातिसाह करं' परगडी" // 149 // राघव चिंता' अधिक उपाइ, प्रगट वात' मुखि न कहह काई / भाट एकसुभाईपणुं', कीधुं मान-मुहत दे घj॥ 150 // हीआ' माहि आलोची हेत, खोजासु कीधउ संकेत। . 'वित्त बिहुना दीधु घj, मित्र करी कीgमंत्रणुं // 151 // "सभा माहि' काढेयों' घणी, वात किसी परि पदमिणी तणी"। अन्न दिवसि बेठउँ” सुलितांण, मिली सभा सहुराँणोराँण // 152 // अति सुकमाल पसम पड़वड़ी', कलहंस पंखि तणी पंखड़ी। अतिसुंदर करि धरी सभाउ, तव तिणि भाटि दियउ ब्रह्मा // 153 // भाटवाक्यं एक छत्र जिणि पृथी, धरी निश्चल धर ऊपरि।। आणि कित्ति नवखंडी, अदल कीधी दुनि भीतरि / नल विश्नल विध्याडि, उदधि कर पाउ पखालिय / अंतेउर रति रंभ, रूप रंभा सुर टालिय / ॥१८॥१एक BODI 2 दिवसि BDI 3 आयो BC, आयौ / 4 रतनसेनि / ५मलीयो D, लीयो , टाल्यो DI 6 माण B, माँण / 7 वालउं B, बालो , बालु , वालु। 8 बदर B0, बयर D / 9 सामिधरम नइ B0, सामिधरमन D साँम धरमने / 10 दीधो 0, दासुं। A.145 / B952 / 0 1701 D178 / / 196 / / // 15 // 1 तो CDE | 2 हु। 3 जो CDE | 4 पदमणि CD, पदमिण / ५अपर B| 6 चित्रकूट B चित्रकोटि 0 / 7 अलगो 0E, अलगौ DI8 कर B / 9 परवडी / 10 पातिसाहि / / 11 कर 8, करो। 12 पगगडी। ॥१५॥१चित DE | 2 प्रगटि B0| 3 वाति B0, बात DE | 4 कहै DE | 5 स्यं B, सो 6 पणउ B पणो CD, 'चार / / 7 कीधउ B, कीधो CDE | 8 माँन / ९महत D, महुत / / 10-11 मनुहार / ॥१५॥१हीया BDE | 2 माँहि B| 3 आलोचE Bo, आलोचे D, आलोची / / 4 'स्यं B, 'सो 0 / 5 कीधो CE, कीधौ / / 6 विहूनइ दीध घणउ B, ...."दीधो घणो , बित्त बिहुनै दीधौ घणो D, बिहुनै धन देइ आपणो / 7 मंत्र B, मंत्रि। 8 कीधउ B, कीयो ODE | 9 मंत्रणउ B, मंत्रिणो , मंत्रणा DE | // 152 // 1 माँहि BODE | 2 काढेग्यो B, कादिज्यो , काढेज्यौ D, काढेज्यो 3 पदिमणी , पदमणि D, पदमिण / 4 भणी / / 5 अन्नि B, अन , अनि DE | 6 दिवस / ७वइठउ B, बेठो , बैठो D, बैठा। 8 सुलतान BCD, सुलताँण / / 9 राणो राण B, 'राणोराणि , 'राणो-राण D, सहूयै दिवाण छ। // 153 ॥१"शुकमाल पशम"B, कोमल सदल"D। 2 पंख BO, पंखिणनी / 3 पंखुडी 801 4 धरीय B0, ग्रही BE I 5 सहाउ D, सुभाइ / ६"तणि दीयो"०, तब तिण'दीयो बझाव D, भाटें मार दीयो ब्रह्माइ / .
SR No.032833
Book TitleGora Badal Padmini Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemratna Kavi, Udaysinh Bhatnagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1997
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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