SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 15
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ . गोरा बादल पदमणी चउपई 2. मूल छन्दों को प्रतिशत संख्या का प्राधार : प्रत्येक प्रति में मूल छन्दों की संख्या निकाल कर उसका निश्चित मूल छन्दों से प्रतिशत निकालने पर प्रतियों की क्रमगत श्रेष्ठता स्थापित हो जाती है और उसके आधार पर भी पाठ-निर्णय किया जाता है। पर कभी-कभी प्राचीन प्रति में मूल छन्दों की संख्या कम होने पर पाठ-निर्णय में कठिनाई होती है / उक्त रचना में यही स्थिति है। प्रति में सब से कम मूल छन्द हैं : 616 में से 604 छन्द होने से उनका प्रतिशत 68.05 B, , , ,612 , , , 9.35 " , , , 606 , , , , 9886 D. , , , 606 , , , , 6886 E, , , , 562 , , , , 61.23 इस दृष्टि से A प्रति में 98.05 प्रतिशत होने से उसकी स्थिति B (68.35 प्र.श.) और C तथा D (98.86 प्र. श.) के नोचे आ जाती है / पर क्षेपकों और पाठान्तरों का प्रतिशत उसकी स्थिति को बहुत ऊपर उठाये रहता है / 3. क्षेपकों और मूल छन्दों के अनुपात का प्राधार : प्रत्येक प्रति में क्षेपकों और मूल छन्दों का अनुपात निम्न प्रकार से है : प्रति कुल छन्द - मूल छन्द + क्षेपक-मूल छन्दों का प्रतिशत क्षेाकों का प्रतिशत A 610 - 606 + 4 69.15 00.68 B 654 - 612 + 42 06:42 G 651 - 6.6 + 42 63.55 D 675 - 606 + 66 10.22 0677 E 864 - 562 +302 65.42 3465 4. प्रत्येक प्रति में मिलनेवाले पाठान्तरों को प्रतिशत संख्या का प्राधार : पाठ-निर्णय के लिये भिन्न पाठों और पाठान्तरों के तुलनात्मक अध्ययन में प्रत्येक प्रति और उसके पाठों की प्रामाणिकता सिद्ध हो जाती है और उससे पाठसंशोधन तथा मूल पाठों के निर्णय में सुगमता हो जाती है। इन पाठों में से 1000 ऐसे पाठ चुने गये जिनके विविध प्रतियों में भिन्न पाठ अथवा पाठान्तर मिलते हैं। उसके प्राधार पर भी प्रतियों की प्रामाणिकता क्रमबद्ध कर पाठ-निर्णय में सहायता ली गई / इस प्रकार प्रत्येक प्रति में पाठान्तरों का जो प्रतिशत प्राप्त हुमा वह इस प्रकार है 0645
SR No.032833
Book TitleGora Badal Padmini Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemratna Kavi, Udaysinh Bhatnagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1997
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy