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________________ दसमो] गोरा वादल पदमिणी चउपई BC प्रतियोंमें उपलब्ध प्रशस्तिका पाठ गोरा बादिल तणी ए कथा, सुणतां नासह निज घरि वृथा। मनना सयल मनोरथ फलइ, रोग-सोग-दुख-दोहग टला // 1 // पूनिम गछ गरुवा गणधार, देवतिलक सूरीसर सार। न्यानतिलक सूरीसर तासु, प्रतपइ पाटइ बुद्धिनिवास // 2 // पदमराज वाचक परधान, पुहवी प्रगटा बुद्धिनिधान / तासु सीस वाचक इम भणइ, हेमरतन मन रंगइ घणइ // 3 // संवत सोलह सह पणयाल, श्रावणधुरि पंचमि सुविशाल / पुहवी पीठ घणी परगडी, सबल पुरी सोहइ सादडी // 4 // पृथ्वी प्रगटा राण प्रताप, प्रतपह दिन दिन अधिक प्रताप / तसु मंत्रीश्वर बुद्धिनिधान, कावेड्याकुल तिलक समान // 5 // खामि धरम धुरि भामउ साह, बहरी बसि विधूसण राह / तसु लघु भाई ताराचंद, अवनि जाणि अवतरिउ इंद // 6 // ध्र जिस अविचल पालइ धरा, सित्रु सबे कीधा पाधरा। तसु आदेस लही सुभ भाउ, सभा सहित पामियां पसाउ // 7 // वात रची ए बादिल तणी, सामि धरम अति सोहावणी। धीरा रस सिणगार विसेष, अउर रस अछ। सविशेष // 8 // सुणतां सुख सवि संपद मिलइ, भणतां भावठि दूर टला / उजम घटि होवह अति घणउ, मुहकम जाणइ करि मंत्रणउ // 9 // षट सित षोडस अंक बंधि, सुण्यउ तिसउ भाष्यउ परवंध। अधिकउ ऊछउ जे उपरयो, सयण सुणी ते करिग्यो खरो॥१०॥ खामि धरम पालंता सदा, सयली भावह घरि संपदा। सुर नर सई प्रशंसा करह, वरमाला ले लक्ष्मी वरइ // 11 // // इति श्री पदमिणी गोराबादल कथा चतुष्पदी समाप्तः //
SR No.032833
Book TitleGora Badal Padmini Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemratna Kavi, Udaysinh Bhatnagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1997
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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