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________________ 97 - इसमो] गोरा वादल पदमिणी चउपई विरद बुलावह' बादिल घणा, 'सॉमि-धरम सतवंत तणा'। इस न कोइ हूउ* सूर, 'त्रिहुं भवणे कीधउ जसपूर // 619 // पदमिणि राखी राजा लीउ', गढन भार घणउ झीलीउ। 'रिणवट करीनइ राखी रेह', नमो नमो बादिल गुण-गेह // 620 // // 619 // 1 बुलावै DB | 2 स्वामि"BOD, सांम सनाह सुहडाइ तणा / 3 इसो BODE | B, हूयो 0E, हूवी D / 5 कीयो 0D, त्रिहुं भवने प्रगट्यौ / ॥२०॥१लीय: B, लीयो , लीयो DB | 2 नो CD, नौ / / 3 घणो cD, भुजैः / 4 झालियो OD, झालियौ / 5 ने , नै D, रिण भिडतां राखी सवि रेह | A604 / B691 / 0699 / D 754 / 3 896 // इसके आगे BODE प्रतियोंमें :कवित्त-"जय बादल जय पत्ति, बिरद बादिल अरिगंजण / संकट सांमि सनाह, तेज मोड्यो गय बंधण / / मलिउ गयंदां माण, हण्या हत्थी मयमत्तह / आणिउ मोरउ कंत, तुहि ज दीधउ अहिवत्तह" // पदमिणि नारि इम उच्चरइ, "तुम्ह सरिस नहु अवर हुस।" आरति उतारहि वर तरुणि, जय बादल जय पत्ति तुय / / पाठान्तर-जैE, जय पत्त BCD, जैवंत / संकटि र, संगटि E, भंजण BCD, भिडै पतिसाहा भंजण छ / मुल्यउ मल्लकां B, मिल्यो मलको , मिलियो मिलकां D, मलल मलिकां / आण्यो मोत्यो B, आण्यौ मोरो D, सांम-बंद छोडावण, तै ज दीधो D, दियण बहिनी / ऊचरै D, श्रीमुख कई R, तुझ सरिखउ नहि B (सरिखो"हूअ CD), इसो अवर नह कोइ हुअा / उतारे , उतारे DE TA605 / B692 / 0 700 / D 755 / / 897 / कवित्त-करि प्रपंच बादिल्ल, नारि ऊगारी बलि छलि / सहि न सक्यउ सुरिताणि, काजि जस एह भुजां बलि // मलिउ गयंदां मांण, सांमि आणिय उवेलिय। भंजि ढाल पाडीय सिलार, मलिकां दल मेलिउ / ' इम सुणवि माय आणंद कीउ, पुत्रई परदल पेलीउ / उच्चरी बात बादिल की, पदमिणि-कंत उवेलीउ // पाठान्तर-बादल , सक्यो Bo, सक्यौ D, मल्यो BC, मल्यो D, स्वामी आणीयो उवेलीय BODI पाडिया BODI सिलार सकंदल मेलीय BODI सुणिवि माइ आणंद हियह B0 (हिय D) पुत्र परहल पउलीयउ Bc (पोलीयो D) / बादलतणी BOD, उवेलीयउ RC, ऊबोलीयो D Eप्रति में:कवित्त-कहै मात-"बादला, भलै मुझ उयरि उपनौ। कुलदीपक कुल-तिलक, रंकपरि रयण सपनौ। ग्रहियो खल पतिसाह, रुक बलि गंजण अरिदल / जैत हत्थ जग जेठ, तुझ बलिहार भुजबल // मुख मुंछ तुहि ज कुल-लाज, तुहि भारी छै लोकीय भडां / चीतोडमोड बांध्यो सिर, दिल्लीपति चाडै तडां // 898 // चौपई-रांम तणे भाई हणमान, तिम बादल रतनसी रांण / पदमिणि सती सीता सारिखे, वादल भड लंगा आरिखे // 899 / / सेवा कीधी अवसर तणी, तिण सोभा वाधी घणघणी। करि दिखाले इसी इक कोइ, अवरोइ मुहडां आधार होई // 900 // A606 | B6931070110.119.. /
SR No.032833
Book TitleGora Badal Padmini Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemratna Kavi, Udaysinh Bhatnagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1997
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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