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________________ ( 7) // 15 // पौषधत्रीश त्रीश्रयाण / पूजनतिलक चढाय / तारकजगदीसनेंए / उद्यापन संघनक्तिसुंए / जन्मसफलनलराय / सूधेमनसाधीये ए // 16 // सुगवाणी समकितगहेए / पयप्रएमी गुरुवीर / चित्तउमाहीयोए।इणपरजेनविश्रादरेए / थाये चरमशरीर, मूलसुखशासतोए // 17 // (कलश) श्रीशांतिदाता त्रिजगत्राता नविक ध्याता सुखकरा / इमसतीयसाध्यो तपआराध्यो सुजसबांध्यो शिवघरां / आगमेश्राखे सुरीयसाखे सुगुरुनाखेसुणयथा / सुधध्यावे नविकनावे विजयविमलजिनवरकथा // 17 // इति तिलक तपस्यास्तवनं संपूर्णम् // ॥अथ शोलीयेको स्तवन लिख्यते // वीरजिनेसरलाखीयोरे लाल / सहुव्रतमें सिरताज / नविप्राणीरे / कषायगंजनतपादरोरे लाल / इणथी पातिकजाय जविप्राणीरे ॥वी० // 1 // कोमवरष तपादरेरे लाल / क्रोधगमावे फलतास नविप्राणीरे / मानकरे जे प्राणियारे लाल / ते जगमेंनसुहाय ॥नम् // वी० // 2 // ब्रतमें मायाआदरीरे लाल / स्त्रीपणोपायोमसिनाथ // न० // रूपपरावर्त्त च्यारकषायने मूलगारे लाल, उत्तमसोलेनेद ॥न // श्मनवनवनमतोयकोरे लाल / जीवपामेंबहुखेद // न // वी० // 4 // एकाशणव्रत जेकरेरे लाल / लाखवरष उखहाण ॥ज॥ नीवीब्रत दूजो कटोरे लाल / एधारो जिनवरवांण // // वी० // 5 // आंबिलनोफलवढुकह्योरे लाल / उपजे लवधिअपार // न // उपवासकरतां नावसुंरे लाल / पामेंनवनो
SR No.032823
Book TitleBruhat Stavanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagubhai Panachand Jhaveri
PublisherBhagubhai Panachand Jhaveri
Publication Year1928
Total Pages418
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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