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________________ (46) देहे नाम सरिखो एह ए / तिणहीज नामें विजयसगली सासता धर्मक्षेत्र ए // 1 // ढाल // धातकीखंमे तिम पुष्कर सही / इहां खेत्रांनी रचनाविधकही / वारवारकहतां विसतार ए / पहिला पर लेज्यो सुविचार ए // // उहालो / सुविचार बाकी तेह सगलो नगर तिमहीज मनगमें / पूरबे पनिम जेह नीते तेह तिमहीज अनुक्रमें / श्रीचंजबाहु नुजंग ईसर नेम च्यार तीर्थकरा / पूरबे पुष्कर अरधमांहे सरब जीव सुखंकरा // 22 // ढाल // वैरसेन वं; जिन सतरमो,श्रीमहाजज अचारमनितनमो देवजसा जगणीसमजिनदेवए / अजितवीर्य वीसम जिणदेवए // उबालो॥ जिण च्यार पुष्कर अरध मांहि कह्या पश्चिमजागए / तिहां मेरु विद्युन्मालि चिहुँदिसि विचरता वीतराग ए / चौरासीपूरबलाख वरसां आउ इक इक जिनतणो / पांचसेधनुषसरीर सोहे सोवनवरण सुहामणो // 23 // ढाल // कालजघन्यै ए जिणवीसए / हिव उत्कृष्ट नेदकहीसए / एकसोसत्तरि तिहां जिणवर कहे / पांचे जरते जिम पांचे लहे // उबालो // जिणलहे पांचे तेम पांचे ऐरवत मिल दशदुवा / इक इक विदेहे बत्तीस विजयां तिहां पिण जे जूजू / एकसोसत्तरि एम जिनवर कोमिनवसय वलि केवली / नवसहसकोमी श्रवर मुनिवर वंदीये नित ते वली // 24 // ढाल // इहां जरतें ऐरवतें आज ए, पांचमें आरे नहीं जिनराजए / धनधन पांचे महाविदेह ए। विचरे वीसजिनगुणगेहए // नहालो // गुणगेह दोष
SR No.032823
Book TitleBruhat Stavanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagubhai Panachand Jhaveri
PublisherBhagubhai Panachand Jhaveri
Publication Year1928
Total Pages418
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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