SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 33
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (15) जीव कहा य / चेतन त्रस श्रावर वेदे गई करणे काय / एगिंदी सूखम बादर ए दो जिय गण / सन्नि असन्नि पणिंदी विति चौरिंदी आण ॥२॥ए सग पजत्ता अपजात्ता चवदे होय / अनुक्रम जीवगण ए सूत्र प्ररूप्यासोय / नाणदंसण चारित वीरज तप तिम उवयोग / ए षमलक्षण लदित जीव व्यह लोग ॥३॥ग आहार सरीर इंदिय पजत्ती तीन / सासो सास जापा मन षमए अनुक्रमलीन / च्यार एगिंदी पंचपजत्ती विगलें जोय / पंच असन्नि सन्नितें षम पजात्ती होय // 4 // इंजिय पांच उसास आऊ बल ए दस प्राण / च्यार उ सात आउ एगिंदी विगले जाण / असन्नि सन्नि पंचिंदीने नव दस क्रम थाय / प्राणांथी जे विप्रयोग जिय मरण कहा य // 5 // धम्मा धम्म आगास तीनूंना त्रिण त्रिण नेद / काल दशम ग आगास पुग्गल च्यार विजेद / खंधा देश पएस परमाणु चवद अजीव / धम्मा धम्म पुग्गल नन्न काल ए पांच न जीव ॥६॥चलण सहाई धम्में / थिर संघाण अधम्म / अवगाहें पूरण गलणे नन पुग्गल धम्म / समया वलिय महुत्त दीह पख मासनें साल / पट्योपम सागर जस्सप्पणी सप्पणी काल // 7 // पम इग दो सग सग सग षम ग अंक गिणाय / एग महुत्तें आवलि संख्या सूत्रकहाय / तीन सात वलि सात तीन ऊसासें माण / केवल नाणी नणियो एह मदुत्त प्रमाण // 7 // साता उच्चगोय मणु सुर उग पंचिंदी जाय / पांच शरीर आदिम तिसरीर उवंग कहाय / आदिसंघेण संगण चौवर्ण अगुरु खदु होय / परघ ऊसास तेम वलि आतपर्ने उजोय // ए॥ सुन
SR No.032823
Book TitleBruhat Stavanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagubhai Panachand Jhaveri
PublisherBhagubhai Panachand Jhaveri
Publication Year1928
Total Pages418
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy