________________ (277) कानेंटले // 12 // काऊसग्गश्री समतासुखथाय / कग्निकमैनी कोमिपुलाय / काउसगकरतां सवि सुखहोई / काउसगसम तपनकह्योकोय // 13 // दोषरहित काउसग्गकीजीये। जिमसहिजे शिवफललीजीये / पंमितधीर विमलनोसीस / कविनयविमलकहै निशिदीश // 15 // इति काउसग्गना १ए दोषनी सकाय संपूर्णम् // ॥श्री नारकीनी सात ढाल // // दोहा // त्रिसलानंदनप्रणमीये / शासननायकवीर / सिघारथनृपकुलतीलो / बलवंतसाहसधीर // 1 // चरण अंगुठेचांपीयो / जेणे मेरुगिरींद / सवीसुरसंशयऊपनो। जाएयात्रिनुवनचंद // 2 // बाललीला सुखलोगवी / पके लीये संयमनार / केवलज्ञानपामीकरी / करे नविनेउपकार // 3 // समवसरणबेसीकरी / गौतमबागलवीर / नरकतणां मुखव वे / सांजलेवीरवजीर // 4 // विविधप्रकारनीवेदना / सहतां नारकीजीव / सांजलतांहीयोथरथरे, नाषे शासनवीर // 5 // ॥प्रथम ढाल // देशी त्रीपदीनी॥ पहेलीनरके जाणरे, सागरएकनुं / आयुनाषे वीरजीए. // 1 // बीजीनरके जोयरे / सागरत्रणर्नु / श्राउएटलुं जाणीयेए // 2 // सागरसातनुआयुरे / त्रीजीएकडं / केवलीवचन ते सर्दह्योए // 3 // चोथी दससागरजाणरे / गुणवंतसाललो। एवचनश्रीवीरनाए // 4 // गणधरलाषेतासरे / पांचमी नरकनो / सत्तरसागर आउषोए // 5 // बहीनरके गुणवंतरे।