SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 268
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (10) प्र० श्री॥७॥ सांतिसुधारसचंदलो, सांतिकरण सुखकार ॥प्र० सोलमजिनवर सेवना, पामीलहै नवपार // प्र० श्री // 7 // अरिष्ट निवारण नाथजी, वावीसम जिनराज // प्र० प्रबलपुण्य संयोगथी, दरसण लह्यो संघसाज प्र० श्री०॥ ए॥ नगरमहेवा सुखकर, नाकोमा जगदीशप्रा नव्यकमल प्रतिबोधवा,दिनकर चैत्रमास // प्रजिनकृपाचंद सूरितणी, सफलफली मनास प्र० श्रीचिं०॥११॥ इतिपदम् // देशीपणिहारी // श्रीचिंतामणिपासजी माराप्रनुजी होराज॥ लोवपुरराजान बालागे अश्वसेन अंगजमुदा मा० वामामात सुजान वा श्रीचिंता ॥१॥श्रातम गुणनाजूपगे मा निजसत्ता रखवाल // बा० सादिअनंत स्थितिवरी मा० जव्यतणा प्रतिपाल वा श्री० ॥२॥रिषन अजित संनवनमुंमा समवसरण सुखदाय // बाळ चत्तारिअन्दश दोयनमुं मा० सहसफणा जिनराय बा० श्री० ॥३॥जेसाणगढमें दीपता मा महावीर नगवान वा॥ आदीसर अरिहंतजी मा० चंदाप्रनु गुणखाण वा श्री // 4 // देरासर त्रणनुवननो मा० चोमुख प्रतिमासार // बा अष्टापद सांतिनाथजी मा दूजीजूमी सुखकार वा श्री० // 5 // संनवजिनपतिसुखकर मा० शीतल जिनवरईश // वा सीमंधरादि तीर्थकरा मा विहरमानजिनवीस वा० श्री०॥६॥ तेवीसमा प्रनुजगधणी मा चिंतामणिमहाराज॥बा बावन देहरिदीपति माण् देरासरसुखकाज बा० श्री० ॥७॥अद्भुत देहरा सोजता मा इंजवन अनुकार ॥बा बिंबअनुपम निरखिया मा० हजार अधिकार
SR No.032823
Book TitleBruhat Stavanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagubhai Panachand Jhaveri
PublisherBhagubhai Panachand Jhaveri
Publication Year1928
Total Pages418
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy