________________ (237) गवतां पुन्यतणे परत्नावजो, बाउ पुत्र थया राणीमनमा नायनेरे लो० // 4 // हां० // तेजने ऊपर रोहणी नामे पुत्रीजो, मातपिता ने वाहली घणी ते ऊपनी रे लो० // हां // चंत्रकलाजिम पुत्री वधे सुदेणजो, पांचधाय करिपावतां योवनवयनीपनीरे लो॥५॥हां // सुरकुंवरी सम देखी राजा पुत्रीजो, वरचिन्तामनपेठीरायनेतिणसमेंरेलो० // हां० // स्वयम्बरामएमपमांड्यो पुहवीनाथ जो, देशदेशना भूपति तेड्या सुख समेरे लोय // 6 // हां वीतसोकराजानो नन्दन नाम जो, सोनागी गुणरागी कन्याये वयोरे लोग हां पूरवनवनापुन्यथी थयो विवाहजो, बहुली सम्पदा पामी कुंवर कारज सर्योरे लो० // 7 // हां // रङ्गरली श्रइ सदुपहोता निज गम जो, चित्रसेनने राज्यदेश संजम लीयोरे लो० // हां // बीत सोक नो नन्दन पामी राज्य जो, रोहिणी राणी साये सुख सम्पदपीयोरे लोग // // हां रोहिणीराणीने आठपुत्र चार पुत्री जो, पूरव जवना सम्बन्धथी आवी अवतर्या रे लो॥हा॥आउमापुत्रनो नाम दियो लोकपालजो, खोले मालशायराणी गोखे वारे लोग॥ए॥ हां क्रीमाकरें दम्पति नाना प्रकार जो, तिण समे एक नारी ने दीठी रोवतीरे लोग हां० दीनथ सिरपीटे नाना विलापजो, देखी ने अचरज पामी रोहिणी सतीरे लो० // 10 // हां राजाने कहे राणी नाटक जोरजो, एहवो तो मै कदिय नदीगे नाथजीरे लो, हां कहोनी मुछ्ने नाटकनो स्वामी नाम जो, जिन कृपाचं सूरि एहने सुकृत साथजीरे लो० // 11 //