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________________ (१३ए) संकट दूरटलेततकाल / जंपे जिणगुणश्म सुरवरसीसरसाल // 7 // इति श्रीनवकारनो बंद संपूर्ण // // अथ श्रीबृहत् नमस्कार स्तवनं लिख्यते // किंकप्पत्तरु रे श्रयाण चिंतनमणजितरि / किंचिंतामणि कामधेनु आराहो बहुपरि॥ चित्तावेली काजकिसे देसांतर लंघन / रयणरासि कारण किसे सायरनवंघउ // चवदे पूरबसार युगे सघनएनवकार / सयलकाज महियलसरे उत्तरतरेसंसार // 1 // केवलीनासिय रीतिजिके नवकार बाराहै / जोगविसुरकअनंत अंत परम पय साहै // इणकाणे सुररिधि पुत्तसुहविलसेबहुपरि। श्णकाणे देवलोक इंदपयपामेसुंदरि॥ एहमंत्रसास्वतोजपे अचिंतचिंतामणि एह / समरणपापसवेटले रिद्धिसिधिनियगेह // 2 // निय सिरऊपरकाण मज्जचिंतवेकमलनर / कंचनमयअन्दल सहित तिहां मांहे कनकवर // तिहांबेग अरिहंतदेव पनमासणफिटकमणि / सेयवत्थपहरेवि पढमपयचिंतेनियमणि // निवारय चनगगमण पामियसासयसुरक / अरिहंतकाणे तुमलहो जिम अजरामरमुरक // 3 // पनरलेय तिहां सिम बीयपद जे आराहे / रातेविदुमतऐवन्न नियसोहगसाहे // रातीधोतीपहरजपे सिझहिं पुवदिसि / सयललोय तिहां नरहहोश ततखिणसेवसि // मूलमंत्रवशीकरणअवरसहू जगधंछ / मणिमूली औषधकरे बुद्धि हीण जाचंध // 4 // दक्षिण दिसिपंखमी जपे नमोबायरिआणं / सोवन वन्नहसीससहितउवएसहनाणं // रिद्धिसिधिकारणे लान ऊपर जेध्यावे / पहरिपीलावत्थ तेह मनवंछियपावे ॥ण काणे नवनिधिदुवे रोगकदे नविहो /
SR No.032823
Book TitleBruhat Stavanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagubhai Panachand Jhaveri
PublisherBhagubhai Panachand Jhaveri
Publication Year1928
Total Pages418
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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