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________________ ( 122) वत मुष्टकरूर / कीयो नजराणहनाथ हजूर / राख्यो नही नाथ तबेनजराण / नयोमन चकितमानगिलाण // 40 // तवां मनचिंतनंमारीबुलाय / मीठेवचनबोलसबेललचाय / सईसंगायमुकाममकार / कियो तब कूचलसबलार // 41 // करे तब गामपुकारपुकार। नंमारीसबेश्पुकार पुकार / करो अबबाहर नाथदयाल / गयोकिहांआज गरीब निवाज / चढोअबबाहर राखणलाज // 4 // पुहा // जण समें कोउसेठको, वाहणतारणकाज / गये अधिष्टायक नाथजी / नेरंगये वहांगाज // 43 // सुणोअरजपृथ्वीनाथजी, सहेरधूलेवमकार / कियोअकारजउष्टने / शीघ्र चले जनतार // 4 // आये तुरत महाराजजी / करवाजनसंजाल ।दो घोमे दोउंचढे / जेरुअरुप्रतिपाल // 45 // निसकोप आपेकियो। दशदिशि फौजहजार / मारमारचोतरफते / नई लमाईत्यार // 46 // नुजंगप्रयातबंद कूकूकुकूकुकू वहे कोकवाणं, सणएणं सणएणं तीरतरकस्स वाणं / धुंवाके धमाके वहे नालगोला। जिसा कर्कसाजम्मरा नयनमोला // 45 // किते अंग शस्त्रराघावलागे। कितेमारतेंकंपते दूरलागे, किते दंततिरणलेवेवराका / कितें थरथरेत्रास होवेतिराका // 47 // किते रसुसाइलबापुकारे / किते दीन होकेखुदासंजारे / कितें नाथपेंकेसरा खूनमाणे / किते नाथकू जागतीज्योतजाणे ॥४ए // सदाशिवनें घावलागो अटारो / पुनी जाउजसवंत दोनुंसंहारो / वमोकोपजाणी सबे फोज नाजी। हुई केशरीयानाथकीजीतवाजी // 50 // सदाशिवनें आंखमी अटकलीनो। सवापांचसें, रुकमरोखून दीनो।
SR No.032823
Book TitleBruhat Stavanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagubhai Panachand Jhaveri
PublisherBhagubhai Panachand Jhaveri
Publication Year1928
Total Pages418
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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