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________________ (ए) जगतजणी समझाईदीजे / मोटोतप रोहणीतणोए जिणरागुणगाउं / जिम सुखसोहग संपदाए वंचितफलपात्रं // 1 // ददिएनरते अंगदेस चंपानयरी। मघवाराजा राज्यकरेतिणजीत्यावयरी / पाटतणीराणी रूवमीए लखमीणनामें / आपूत्र जायाजिणेंए मनमें सुखपा // 2 // रोहणीनामे कन्यकाए सबकुं सुखकारी / आवां पुत्रां ऊपराए तिणलागेप्यारी / वाधेचंतणीकलाए / जिम पखजजवाले / तिमतेकुमरी धायमायपांचेप्रतिपाले // 3 // कुमरीरूपे रूवमीए घरअंगणवैठी / दीठी राजा खेलतीए तिण चिंतापै / तीनन्नुवन विचएहवीए नहिं दूजीनारी, रंना पनमा गवर गंग इणआगलहारी // 4 // पुरुष न दीसे कोसो जिपनेपरणालं / आंख्याशागल साल वधे तिण चयननपाउं / देशदेशना राजवीए ततखिण ते माया / सबलसजाई सायकरी नरपतिपिणआया // 5 // वीतशोकराजातणोए ने कुमरसोनागी / कन्याकेरी आंखमी ए तिणसेतीलागी / ऊनादेखे सकललोक चढिया केसाला / चित्रसेनरेकंठवी कुमरीवरमाला // 6 // देव अने दैवांगनाए जपेजयजयकार / रलियायतथयो देखने ए सारोसंसार / करजोमीकहे लोकवखतकन्यारोजामो / वीतशोकनो कुमरथयो सिरऊपरलामो ॥७॥श्मविवाह थयोनलोए / दीयादानअपार / घरायापरणीकरीए हरख्योपरिवार / वीतशोकनिज पूत्रनणी अपणोपाटदीधो / आपणसंजमश्रादरीए जगमें जसलीधो // // // ढाल 2 प्रभुप्रणमुंरे पासजिणेसरथंभणो एदेशी // तिणनगरीरे चित्रसेन राजाश्रयो / सुखमाहीरे केटलो काल
SR No.032823
Book TitleBruhat Stavanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagubhai Panachand Jhaveri
PublisherBhagubhai Panachand Jhaveri
Publication Year1928
Total Pages418
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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