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________________ 200 गुणस्थानक्रमारोहवृत्तिगतशास्त्रपाठसूचिः क्र. 18 शास्त्रपाठः ईसीपब्भाराए उवरिं खलु० 85 ग्रन्थनाम पृष्ठ क्र. विचारसार: 851, गाथासहस्री 417, तीर्थोद्गालिप्रकीर्णकम् 1235 गाथासहस्री 407 योगबिन्दुः 411 110 षडशीतिभाष्यम् 3 73 प्रवचनसारोद्धार: 769 104 114 योगशास्त्रम् 902 120 प्रशमरतिप्रकरणम् 275-276 130 विशेषावश्यकभाष्यम् 1208-1210 * * * * * * * * 81 109 उक्कोसेणं तु सड्ढो उ० उत्साहान्निश्चयाद्धैर्यात् उवसमअद्धाइठिओ० उवसमसेणिचउक्कं० ॐकाराभ्यसनं विचित्रकरणैः० एकत्रियोगभाजामा औदारिकप्रयोक्ता० खिइसाभाविअगमणं० गङ्गातीरे हिमगिरिशिला० गम्भीरस्तम्भमूर्तिर्व्यपगत० चंदाइच्चगहाणं पहा० चउरो जम्मप्पभिइ० चिदाऽवदातैर्भवदागमानां० चेतसि श्रयति कुम्भकचक्र० चेतोवृत्तिनिरोधेन० छम्मासाऊ सेसे० छावलियं सासायण० छेवटेण उ गम्मइ० जइ जिणमयं पवज्जह० जह गुडदहीणि महियाणि० 29 124 विंशतिर्विशिकाः 339 दर्शनशुद्धिप्रकरणम् 7 30 31 126 92 112 34 130 8 3 101 गाथासहस्री 133 प्रवचनसारोद्धारः 1308 बृहत्सङ्ग्रहणी 162 पुष्पमाला 228 षडशीतिभाष्यम् 4, शतकप्रकरणभाष्यम् 85 37 91 2 / 39 66 40 जह मत्थयसूईए. जह वा तिण्णि मणूसा० जीवाइपयत्थेसुं० विशेषावश्यकभाष्यम् 1211-1214 80 षडशीतिभाष्यम् 1-2, 68 शतकप्रकरणभाष्यम् 82-83 104 गाथासहस्त्री 404 84 जीवो हु एगजम्मंमि० जो अविरओऽवि संघे०
SR No.032801
Book TitlePadarth Prakash 26 Gunsthankramaroh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayhemchandrasuri
PublisherSanghvi Ambalal Ratanchand Jain Dharmik Trust
Publication Year2018
Total Pages234
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size11 MB
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