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________________ कलातीर्थ सम्राट सम्प्रति संग्रहालय : ज्ञानमंदिर में प्रथम तल पर यह अवस्थित हैं। पुरातत्व-अध्येताओं और जिज्ञासु दर्शकों के लिए प्राचीन भारतीय शिल्प व कला परम्परा के गौरवमय दर्शन इस स्थल पर होते हैं। पाषाण व धातु मूर्तियों, ताड़पत्र व कागज पर चित्रित पाण्डुलिपियों, लघुचित्र, पट्ट, विज्ञप्तिपत्र, काष्ठ आदि से बनी प्राचीन एवं अर्वाचीन अद्वितीय कलाकृतियों तथा अन्यान्य पुरावस्तुओं को बहुत ही प्रभावोत्पादक ढंग से धार्मिक व सांस्कृतिक गौरव के अनुरूप यहाँ पर प्रदर्शित किया गया हैं। इस संग्रहालय का विशिष्ट आकर्षण परमार्हत् कुमारपाल खंड है, जहाँ विशेष रूप से जैन श्रुत की श्रवण परम्परा से प्रारम्भ कर शिला, ताम्रपत्र, भूर्जपत्र, ताड़पत्र तदनन्तर हाथ से बने कागज पर लेखन कला के विकास की यात्रा दर्शाई गई है, जिसे देख कर हमें अपने पूर्वजों द्वारा उपलब्ध किये गये आध्यात्मिक उत्कर्ष, सांस्कृतिक गौरव एवं कला की श्रेष्ठता के दर्शन होते हैं। संग्रहालय को और भी समृद्ध करने के प्रयास किए जा रहे हैं। संग्रहालय शीघ्र ही नूतन भवन में स्थानान्तरित किया जाएगा। यहाँ समय-समय पर विशिष्ट प्रदर्शन भी आयोजित किये जाते हैं। श्रुत सरिता : कोबा तीर्थ में आने वाले दर्शनार्थियों एवं ज्ञान-पिपासुओं को यहाँ र उचित मूल्य पर जैन साहित्य व आराधना सामग्री उपलब्ध की जाती हैं। 9
SR No.032789
Book TitlePadma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
PublisherPadmasagarsuri Charitable Trust
Publication Year2008
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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