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________________ शिलालेख-१०१ ऊपर मुजब जमीन बीघा 13 / / अखरे साडी तेरह / वाव श्री मन्दिरजी री पाणी री है कायम छे धर्भशालाओं बरिणयोडी वो जमीन बगीचा वो धर्मशाला बगेरा जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ रे काम में आवेला इणरे सिवाय दुजोरो कोई हक वो खेचल नहीं हो सकेला और इमारत बनावणो वो बगीचो बरणाववा रो हक होसी और मालकाना हक विगेरे जैन श्वेताम्बर श्री संघ रो होसी / ठीकाणा रो इण पटा सु कोई तालुको नहीं / श्री मन्दिरजी में मूर्ति होवरण सु अमुक माफोक इण जमीन रे आस पास में कोई जीवहिंसा नहीं कर सकेला / इण पटा री कीमत रा रुपया 1100) अखरे इग्यारा सौ रोकड़ा लेवेने इमारती पक्को पट्टो कार्य करन्दो ने कर दीयो जावे है वो मने वो मारा वारिसान ने मन्जुर है और अठे जो मेलो वगेरा भरीजसी वो आपरी हदारे बारे दुकानां वगेरा लागसी वो जीमण होसी जद जीगरी सदा वंद मुजब हमेशा ठीकाणा में रु. 7 / / अखरे रु. साडी सात थाने भरणा पड़सी ने मेला रो बन्दोवस्त राकसी सम्वत 2006 पासोजवदी 7 ने बुधवार ता. 16-6-1646 / नकसो इरण माफिक है। क = 60 x 36 + 38 = 3330 ख = 63 .x 18+ 18 4 - 8 58 x اس ام اس = 1186 = 667 168 x x 352 2 5404 : 400 = 13 / /
SR No.032786
Book TitleHastikundi Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSohanlal Patni
PublisherRatamahavir Tirth Samiti
Publication Year1983
Total Pages134
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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