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________________ नैषधीयचरिते लगने से तद्धित-वृत्ति ही रखी है / यह 'सविशेषणानां वृत्तिन, वृत्तस्य च विशेषणयोगो न' इस नियम के विरुद्ध है। यहाँ या तो 'रथस्य लक्षं चकार' या 'रथ. लक्षीचकार' ही उचित है। अनुवाद-इसके अनन्तर उस इन्द्र के दौत्य में प्रवृत्त हुए, शत्रुओं को भगा देने वाले निषध-नरेश ( नल) ने भीम राजा की राजधानी ( कुण्डिनपुरो) को रथ का लक्ष्य बनाया // 1 // टिप्पणी-यद्यपि राजा नल इन्द्र ही नहीं प्रत्युत वरुण आदि देवताओं के भी दूत थे किन्तु इन्द्र के प्रधान होने से कवि ने यहाँ इन्द्र का ही उल्लेख किया है। इसलिए इन्द्र शब्द उपलक्षण-मात्र है / 'दूत्या' 'दैत्या' 'निषे' निष' 'भीम' 'भूमी' तथा 'राथ' 'रथ' में छेक, 'रथस्य' 'तस्य' में पदगत अन्त्यानुप्रास और अन्यत्र वृत्त्यनुप्रास है / इस सर्ग में इन्द्रवज्रा और उपेन्द्रवज्रा का सम्मिश्रण-रूप उपजाति छन्द है। इसके प्रत्येक पाद में ग्यारह अक्षर होते हैं। इन्द्रवज्रा का लक्षण 'तो जगीगः' (त, त, ज, ग, ग) और उपेन्द्रवज्रा का 'प्रथमे लघी सा' है अर्थात् उपेन्द्रवजा का प्रथम अक्षर लघु होता है, बाकी सब इन्द्रवज्रा के ही अक्षर रहते हैं। भैम्या समं नाजगणद्वियोगं स दूतधर्मे स्थिरघीरधीशः। पयोधिपाने मुनिरन्तरायं दुरिमप्योर्वमिवौवंशेयः // 2 // अन्वयः-स्थिरधीः सः अधीशः दूत-धर्म भम्या समम् दुर्बारम् अपि वियो. गम् और्वशेयः मुनिः पयोधि-पाने दुर्वारम् अपि ओर्वम् इव अन्तरायम् न अजगणत् / टीका-स्थिरा = दृढा / धीः = बुद्धिः ( कर्मधा० ) यस्य तथाभूतः (ब० वी०) दृढनिश्चय इत्यर्थः / सः / अषीशः - राजा नलः / दूतस्य धर्मः = कर्तव्यम् तस्मिन् ( ष. तत्पु० ) दूतरूपेण स्वकर्तव्ये इत्यर्थः / भैम्या = भीमपुत्र्या दम. यन्त्या / समम् = सह ( साकं सत्रा समं सह इत्यमरः ) दुर्वारम् दुःखेन वारयितु शक्यम् अपि वियोगम् = विरहम् / और्वशेयः = उर्वशी-पुत्रोऽगस्त्यः ( और्वशेयः= कुम्भयोनिरगस्त्यो विन्ध्यकण्टकः' इति हलायुधः) मुनिः= ऋषिः / पयोधेः = समुद्रस्य / पाने = पानविषयीकरणे ( 10 तत्पु० ) दुर्वारम् = दु: दुष्टं वाः = पारि येन तथाभूतम् / ( प्रादि ब० वी० ) अपि / और्वम् = वडवानलम् / इव = अन्तरायं - विघ्नम् बाधकमिति यावत् / न अजगणत् = न गणयामास / वचन
SR No.032785
Book TitleNaishadhiya Charitam 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandev Pant
PublisherMotilal Banarsidass
Publication Year1979
Total Pages590
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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