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________________ नैषधीयचरिते इन्दुना चन्द्रेण शिलम् पतितधान्यमञ्जरीग्रहणम् च उञ्छः कणशो धान्यग्रहणम् च ( द्वन्द्व ) वृत्तिः आजीविका ( कर्मधा० ) अशीलि परिशीलिता अभ्यस्तेति यावत् तत् तस्मात् महेश्वरेण शिवेन महाराजेन च माणवक: बाल: कलारूप: अपि स इन्दुः मौलौ शिरसि यानाम् याज्ञिकानाम् राज्ये द्विजराजत्वे इत्यर्थः अपि च आरोपि स्थापितः अथ च अभिषिक्तः / जगतः सारभूतं सौन्दयं त्वया गृहीतम्, अवशिष्टसौन्दर्यकणान् शिलोञ्छवृत्तितापसवत् यतस्ततः गृहीत्वा सौन्दर्ये अल्पोऽपि चन्द्रः महादेवेन स्वशिरसि स्थाप्यते द्विजराजत्वेऽपि चाभिषिच्यते इति भावः // 42 // व्याकरण-उच्चित उत् + चि + क्तः ( कर्मणि ) / अशीलि./शील + लुङ् ( कर्मणि ) / माणवक: मनोरपत्यमिति मनु + अण् , मानवः न को गत्व ( 'अपत्ये कुत्सिते मूढे मनोरोत्सर्गिकः स्मृतः / नकारस्य तु मूर्धन्यस्तेन सिद्धयति माणवः ) अल्पः माणवः इति माणव + कः अल्पार्थे)। यज्वन् यजतीति/यज + क्वनिप / राज्यम् राज्ञो भावः कर्म वा इति राजन् + यत् / अनुवाद-"जिस जगत के बीच में से तुमने सार-भूत सौन्दर्य ले लिया है, उसमें चन्द्र ने कण कण ग्रहण करने की आजीविका जो अपनायी, उसीसे महेश्वर ( महादेव, महाराज ) ने उसे माणवक ( एक कला वाला बालक ) होते हुए भी सिर पर रख लिया तथा यज्वराजत्व के पद पर भी प्रतिष्ठापित कर दिया // 42 // टिप्पणी-भाव यह है कि तुम्हारा-सा सौन्दर्य जगत् में कहीं नहीं है। चन्द्रमा तो तुम्हारे सौन्दर्य का एक लघु अंश मात्र है। सारा जगत्सौन्दर्य जब तुमने ले लिया, तो चन्द्रमा ने तुमसे बचे-खुचे सौन्दर्य के कण-कण ही बटोरे जैसे शिलोञ्छ-वृत्ति वाले तापस किया करते हैं, चन्द्रमा के इस शिलोञ्छ वृत्ति के प्रभाव से महादेव ने उसे अपने सिर पर स्थान दिया और यज्वराज पद भी दे दिया है / ध्यान रहे कि महादेव के सिरपर चन्द्रमा अपनी एक कला के रूप में ही रहता है जिसे बाल चन्द्रक कहते हैं। हम देखते हैं कि शास्त्रों में शिलोञ्छ वृत्ति को बड़ा महत्त्व दिया गया है। कोई भी व्यक्ति, भले ही वह माणवकबालक ही क्यों न हो, अपनी शिलोञ्छ वृत्ति के प्रभाव से राजों-महाराजों तक का आदर-पात्र तथा पूज्य हो जाता है। लोग उसे यज्वराज (द्विजराज )
SR No.032785
Book TitleNaishadhiya Charitam 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandev Pant
PublisherMotilal Banarsidass
Publication Year1979
Total Pages590
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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