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________________ 198 नैषधीयचरिते अनुवाद-जो ( गर्दन ) अवटु-( बालक से न ) शोभित होती हुई भी माणवक ( वटु ) से अलंकृत है, नहीं, नहीं, जो अवटु ( घुघुची ) से शोभित हुई माणवक ( बीसलड़ियों वाली मोतियों की माला ) से अलंकृत है; जो ( गर्दन ) आलिङ्गय ( गोपुच्छाकार मृदङ्गविशेष ) का रूप अपनाती हुई भी सुन्दर स्वरूप वाले ऊर्ध्वक ( यवाकार मृदङ्गविशेष ) का रूप अपना रही है, नहीं, नहीं जो आलिङ्गय ( आलिंगन किये जाने योग्य होती हुई सुन्दर रूप वाले ऊर्ध्वक शरीर का उपरितन भाग ) वाली है // 66 // टिप्पणी-इस श्लोक में कवि दमयन्ती की ग्रीवा का वर्णन कर रहा है, जो विरोधाभास से भरा हुआ है। वह इतना हृदयस्पर्शी नहीं, जितना चमत्कारक है। अवटु, माणवक, आलिङ्गय और ऊर्ध्वक शब्दों में श्लेष रखकर कवि ने निज बुद्धि-कौशल दिखाया है। वटु माणवक अथवा बालक को कहते हैं। जो वटु न हो उसे अवटु कहेंगे। अवटु कृकाटिका अर्थात् गले के अगले भाग में हनू के नीचे उठी हुई छोटी-सी हड्डी को भी कहते हैं। हिन्दी में इसका नाम घुघुची और अंग्रेजी में ( Lyranx ) होता है / इसी तरह माणवक वटु ( बालक ) और बीस लड़ियों वाली मुक्तामाल्य भी होता है / 'अङ्कयालिङ्गयो+कास्त्रयः' नाम के तीन प्रकार के मृदङ्गों को बताकर अमरकोष में उनके 'हरीतक्याकृतिस्त्वङ्कयो यवमध्यस्तथोर्ध्वकः / आलिङ्गयश्चैव गोपुच्छः मध्यदक्षिणवामगाः'' / / स्वरूप स्पष्ट कर रखे हैं। आलिङ्गय आलिङ्गन किये जाने योग्य और ऊर्ध्वक शरीर के ऊर्ध्व भाग को भी कहते हैं। इन्हीं अर्थभेदों में टकराव दिखाकर कवि ने ग्रीवा का अद्भुत चित्र खींचा है / लेकिन यदि वह माणवक के स्थान में वटु को रख पाता, तो 'अवटुशोभितापि वटुमा प्रसाधिता' में विरोधाभास अधिक स्पष्ट हो जाता, साथ ही उद्देश्य-प्रतिनिर्देश्यभाव सम्बन्ध का निर्वाह भी हो जाता। माणवक शब्द में यह बात नहीं है, किन्तु फिर श्लेष नहीं रहता, जो माणवक में है और विरोधाभास की जड़ ही कट जाती। श्लोक के पूर्वार्ध और उत्तरार्ध में दो विरोधाभासों की संसृष्टि है / शब्दालंकार वृत्त्यनुप्रास है। कवित्वगानप्रियवादसत्यान्यस्या विधाता व्यधिताधिकण्ठम् / रेखात्रयन्यासमिषादमीषां वासाय सोऽयं विबभाज सीमाः / / 67 / /
SR No.032785
Book TitleNaishadhiya Charitam 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandev Pant
PublisherMotilal Banarsidass
Publication Year1979
Total Pages590
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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