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________________ नैषधीयचरिते किन्तु दमयन्ती के मुख के यहाँ तो वे पानी भरा करते हैं। कमल दिन में ही शोभा पाता है, और चन्द्रमा रात में ही। ऐसा समझ लें कि वह शोभा भी उनकी अपनी स्वाभाविक नहीं बल्कि माँगी हुई चीज है। नहाते समय दमयन्ती के मुख की शोभा पानी में प्रतिबिम्ब रूप से पड़ी तो कमल ने अपने पिता से पानी माँगकर धोरण कर ली। वह भी दिन-दिन में मांगी हुई चीज भला कब हमेशा रहती है। पिता को वापस देनी पड़ी। यही हाल चन्द्रमा का भी समझ लीजिए। मुख देखते हुए दमयन्ती की परिछाईं. दर्पण पर पड़ी. तो चाँद ने अपने मित्र से वह मांग ली और रात-रात में धारण कर ली और रात के बाद लौटा दी। भाव यह निकला कि कमल और चन्द्रमा तो दमयन्ती के मुख की छाया की भी बराबरी नहीं कर सकते, मुख की बराबरी तो दूर रही। कमल और चन्द्रमा की शोभाओं पर मांगी हुई वस्तु की कल्पना करने से उत्प्रेक्षा है, जिसका वाचक शब्द खलु है। कमल और चन्द्रमा में अप्रस्तुत चेतनव्यवहार समारोप होने से समासोक्ति है। पद्म-चन्द्र का क्रमशः जल और मुकुर से सम्बन्ध होने में यथासंख्य है। विद्याधर के अनुसार अतिशयोक्ति भी है। शब्दालंकार वृत्त्यनुप्रास है। अर्काय पत्ये खलु तिष्ठमाना भृङ्गमितामक्षिभिरम्ब्के लौ।। भैपीमुखस्य श्रियमम्बुजिन्यो याचन्ति विस्तारितपद्महस्ताः / / 57 // अन्वयः - अर्काय पत्ये तिष्ठमानाः अम्बुजिन्यः अम्बु-केलौ भृङ्गः अक्षिभिः मिताम् भैमोमुखस्य श्रियम् विस्तारितपद्महस्ताः ( सत्यः ) याचन्ति / ___टोका-अर्काय सूर्याय पत्ये भत्रे तिष्ठमानाः स्वमनोभावम् अभिलाषं काममिति यावत् प्रकटयन्त्यः अम्बुजिन्यः कमलिन्यः अम्बुनि जले केली क्रीडायाम् ( स० तत्पु० ) यदा दमयन्ती जलविहारं करोतीति भावः भृङ्गः भ्रमरैः एव अक्षिभि: नयनैः मिताम् ज्ञाताम् भैम्याः दमयन्त्याः मुखम्य वदनस्य (ष० तत्पु० ) श्रियम् शोभाम् विस्तारिताः प्रसारिता. पानि कमलानि एव हस्ताः करा: ( कर्मधा० ) याभिः तथाभूताः ( ब० वी० ) सत्यः याचन्ति भैमीम् अर्थयन्ते / कमलिन्यः पति सूर्यम् कामयमानाः तद्वशीकरणाय जलविहारं कुर्वतीम् दमयन्तीम् स्वमुखशोमा याचन्तीति भावः // 57 // व्याकरण--पत्ये पति शब्द को समास में ही घीसंज्ञा होती है, अतः पतये न
SR No.032785
Book TitleNaishadhiya Charitam 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohandev Pant
PublisherMotilal Banarsidass
Publication Year1979
Total Pages590
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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