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________________ लिङ्गानुशासनम् हैमपञ्चपाठी. 1021 मुक्ता वार्ता लूवाऽनन्ता प्रमृता मार्जिताऽमृता // कन्था मर्यादागदेक्षुगन्धा गोधा स्वधा सुधा // 17 // ( अव० ) मुक्ता मौक्तिकम् / वार्ता वृत्तिः। लूता ऊर्णनाभः / अनन्ता दूर्वा / प्रसृता जङ्घा / मार्जिता शिखरिणी। अर्थप्राधान्यात् मर्जिताशिखरिण्यावपि / अमृता पथ्या गुडूची च / कन्था स्यूतजीर्णवस्त्रप्रावरणम् / मर्यादाऽवधिः / गदा प्रहरणविशेषः / इक्षुगन्धा कोकिलाक्षे गोक्षुरकाशक्रोष्ट्रीषु / गोधा दोस्त्राणं प्राणिविशेषश्च / पुंध्वजोऽपि / गोधान्तत्वात् तृणगोधा कृकलासः / स्वधा पितृदानार्थो मंत्रविशेषः / सुधा पीयूषं लेपनं च // 17 // सास्ना सूना धाना पम्पा झम्पा रम्पा प्रपा शिफा // कम्बा भम्भा सभा हम्मा सीमा पामारुमे उमा // 18 // ( अव० ) सास्ना गोगलचर्म / सूना घातस्थानम् / धाना भ्रष्टयवोऽङ्कुरश्च / पम्पा सरोवरविशेषः / झम्पा उच्चादधःपतनम् / रम्पा चर्मकृदुपकरणम् / प्रपाऽम्बुशाला। अकर्तरि कः स्यादिति पुंस्त्वे प्राप्तेऽस्य पाठः। शिफा तरुजटा। कम्बा कम्बिः / भम्भा भेरी / सभा वृन्दम् सभासदश्च / हम्भा गोध्वनिः / अर्थप्राधान्याद्रम्भाऽपि / सीमा मर्यादा / पामा कण्डूः / अर्थप्राधान्याद्विचर्चिकापि / रुमा लवणाकरः / उमा कीर्तिः // 18 // चित्या पद्या पर्या योग्या छाया माया पेया कक्ष्या // दृष्या नस्या शम्या संध्या रथ्या कुल्या ज्या मङ्गल्या // 19 // (अव०) चित्या चिता। पद्या मार्गः / पर्या क्रमः / सहयोगे सपर्या पूजा। योग्याभ्यासः। छाया शोभातमःप्रतिबिम्बेषु पालनोत्कोचयोः पङ्क्त्ययोषित्कान्त्यादिषु च // माया दम्भः / अर्थप्राधान्यात् शाम्बरी / पेया शृतं दुग्धादि / कक्ष्या काञ्ची हादेमध्यभागश्च / दृष्या रज्जुः / नस्या वृषादीनां नासारज्जुः / शम्या युगकीलकः / संध्या चिंतामर्यादादिषु / रथ्या रथानां समूहः प्रतोली पन्थाश्च / कुल्या सारणिः / ज्या मूर्वी / मङ्गल्या मल्लिकागन्ध्यगुरुश्च // 19 // उपकार्या जलारा प्रतिसीरा परंपरा / / कण्डराऽमृग्धरा होरा वागुरा शर्करा शिरा // 20 // ( अव०) उपकार्या नृपमन्दिरम् / अर्थप्राधान्यादुपकारिकापि / जला आर्द्रवस्त्रम् / इरा जलमन्नं गीश्च / प्रतिसीरा जवनिका / परंपरा परिपाटिः सन्तानकश्च / कण्डरा महानायुः / असृग्धराऽजिनम् / होरा लग्नम् / वागुरा मृगबन्धिनी / शर्करा उपला / शिरा धमनी // 20 //
SR No.032767
Book TitleHaimbruhatprakriya Mahavyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirijashankar Mayashankar Shastri
PublisherGirijashankar Mayashankar Shastri
Publication Year1931
Total Pages1254
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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