SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 364
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 279 पू० गलो गुडूची 285 हैमनिघण्टुशेषटोकान्तर्गतभाषार्थानां पु०आदर्शगतार्थस्तुलना। 327 श्लोकः पु० अर्थः टी० अर्थः प्रलोकः पु० अर्थः टी० अर्थः 275 पू० भारंगी 312 ववा श्वेतवचा 276 पू० आउली भाडंगी 314 नागनिह्वा . उत्पलशारिवा 277 पू० जवासी जवासी 314 ऊपलसारी चन्दनशारिवा 278 पू० तेजवती-मीती तेजवती 316 मूर्वा - पीलउनी ब्रीहाली ब्रीहाली लाङ्गली राडीगारी राडागारी 280 पू० तालीस तालीसपत्र 281 पू० 319 282 पू० मांसी मांसीमेद 320 देवाली पांडुरहली 283 पू० सुरा एकांगी देवदाली 284 पू० प्रपुण्डरीक पद्म कोशातकी 285 पू० जऊ जन्तुवार 322 * कडूई,विशाली, कोरिणि रोहा घीसोडी 286 खयरी 323 पू० कर्कोटिका 287 रक्तपादीद्वयम् हंसपदी 324 क्षीरिणीद्वयम् क्षीरिणी 288 जलपिष्पली जलपिपली स्वर्गक्षीरिणी 289 वक्षहुल 325 शजिनी शङ्गिनी 290 अतिविषद्वयम् भतिविसु 326 उन्दरकनी उंदिरकनी 291 मेदाद्वयम् मेद 327 पद्मिनी पोयणी गुजा चिणउठी 329 श्वेतकमल 295 पू० पाठा पाठ 297 शतावरी शतावरी पद्ममूल 299 कटुक कडू कमलमेदाः गंठ कपिकच्छू कउंछि 335 पू० फंगा शाक, शूषा मञ्जिष्ठा मजीठि 336 सोआ सोआ 304 पू० मरिच मिरी 337 पू० भवेतजीरा 305 पू० पीपली पीपलि 338 पू० जीरकद्वयम् कालउ जीरउ पीपलीमूल पीपलीमूल 339 महाकन्दः . ल्हसणु चविका चविक 339 पू० लसण गजपीपली, गजपीपली 340 हरणः डूंगली 307 -गिरणई 340 पू० 308 तृ. श्वेतगिरणई 341 पू० साथल साथरि 309 पू० गिरिनई कालीगिरणई 342 प्रसारणि प्रसारणी 310 पू० इन्द्रवारुणी 343 ब्राह्मी ब्राह्मी 311 पू० इन्द्रवारुणी 344 पू० सूरणकन्द 312 पू० वज 345 पू० वृद्धदारुक वृद्धारा बू 293 बिसु 307 इगली सूरण
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy