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________________ हैमनिघण्टुशेषटीकान्तर्गताः संस्कृतशब्दयुता लोकभाषाशब्दाः। 307 शेफालिका–शेकालिका सुवहा निर्गुण्डी नीलिका [ सुता पु० नि० ] सुरसा रक्तवृन्ता वित्रघ्नी पुष्पवर्षिणी 186 / प्रवेतशेफालिका-भूतवेशी [ भूतकेशी पु० नि० ] सत्यनामा बहुक्षमा / 'प्रियङ्गु-प्रियङगु प्रियक कछु प्रियवल्ली प्रिया लता 187 विष्वक्सेना गन्धफली [ गन्धफला पु.] कारम्भा फलिनी फली [ फला पु० ] गुन्द्रा गोवन्दनी [ गो वन्दनी टी. ] श्यामा योषाह्वा वर्णभेदिनी [ पर्णभेदिनी नि० ] 188 / / जेठीमधु-मधुयष्टी [ मधुरा नि० ] यष्टीमधु तल्लक्षण [ तल्लक्षणा नि० ] क्लीतक नीरजा [ जलजा पु० नि० ] मधुपर्णी मधूलिका 189 / / आसगन्धि-अश्वगन्धा तुरगी कञ्चुका [ तुरङ्गी कम्बुका नि० ] अश्वावरोहक अश्वकन्द ___ बहुगन्धा पुत्रदा लोककर्णी [ कोळकर्णी पु० नि० ] 190 / *मीढासींगी-मेषचङ्गी अजङ्गी वत्तिका सर्पदंष्ट्रिका / दक्षिणावर्तमेषशृङ्गी-दक्षिणावर्त्ता वृश्चिकाली [ वृश्चिकाला नि0 ] विषाणिका 191 उष्ट्रपुष्पा धूमकपुष्पा [ दुग्धवमी आमपुष्पी पुपा० उष्ट्रपुच्छा धूमकपुच्छा नि० ] काली विषघातनी [ विषघातिनो पु० मि• ] / काकडासिंगी-कर्कटशृङ्गी भङ्गी नताशी शिशिरेफला 192 कर्कटाह्वा महाघोषा वक्रा मजीर __ शिम्बिका [ मजीरशम्बिका पु० मञ्जरिशिम्बिका नि० मञ्जरीशिम्बिका पु१ ] / "रीगणी-निर्दिग्धिका कण्टाली दुःस्पर्शा कण्टकारिका 193 व्याघ्री क्षुद्रा दुष्प्रधर्षा धावनी हेमपुष्पिका / वृद्धरीगणी-बृहती क्षुद्रा भण्टाकी [ क्षुद्रभण्टाकी पु. नि. ] वार्साकी [ क्षुद्रवार्ताकी टी.] राष्ट्रिका कुली 194 विशदा [ विशदः नि० विशिखा पुपा० ] सिंही अनाक्रान्ता महोटिका महती / 'विदारि-विदारी स्वादुकन्दा पुष्पकन्दा शृगालिका [ मृगालिका नि० ] 195 वृक्षादनी चर्म कषा कूष्माण्डी [ भूकूष्माण्डी पु० नि० ] अश्ववल्लभा बिडालिका वृक्षपर्णी / क्षीरविदारिका-महाश्वेता 196 क्षीरशुक्ला क्षीरकन्दा क्षीरवल्ली पयस्विनी ऋक्षगन्धा [ ऋष्यगन्धा पु० नि० ] इक्षुगन्धा इक्षुवल्ली क्षीरविदारिका 197 / "पीठवनी-दृष्णिपर्णी [ पृश्निपर्णी नि० पृष्ठिपर्णी पु० सूक्ष्मपर्णा टी. ] पृथक्पर्णी [ पृथु कर्णी पु० ] लागली क्रोष्टुपुच्छिका शृगालविन्ना [ शृगालवित्ता पु० शृगालवर्णा नि० ] कलशि घृतिला [ कलशी धृतिला नि० कलसी घृतेला पु० ] धावनी गुहा 198 सिंहपुच्छी [ सिंहपुच्छक टी० ] चित्रपर्णी अंहिपर्णी [ अघिपर्णी नि० ] तिलपर्णी। 1. घउंला-गन्धफला // 2. जेठीमध // 3. (1) आसंध (2) आसन॥४. मीढासौंगडी // 5. (1) भोयरींगणी (6) भोट गणी // 6. (1) भोयकोढुं ( गुर्जरे ) (2) फगीयो ( सौराष्ट्रे ) // 7. पीठवण //
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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