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________________ 294 द्वितीयं परिशिष्टम् / हृद्या प हारी शब्दः लिङ्गम् अर्थः श्लोकः शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः हस्तिदन्ती स्त्री० दन्तीप्रकार 202 / / हृद्य गन्ध पुं० बोली 80 हस्तिपर्णक पुं० एरंड 154 हृद्यगन्धा जाइ 236 हस्तिपिप्पली स्त्री. गजपीपली 307 सालरि १५१पा० हस्तिपिपली , ३०७पा० हेमकेसर नागकेसर 10 हस्तिमयूरक अजमोद 256 हेमक्षीरा स्त्री. क्षिरिणी 324 हस्तिवारणी स्त्री० करजविशेष 145 हेमदुग्धक पुं० उंबरा 42 हस्तिवारुणी करजभेद १४५पा. हेमपुष्प अशोक . 4 हस्तिविषा केलि 161 हेमपुष्पक चांपउ हंसपदी , हंसपदी 287 हेमपुष्पिका स्त्री० रीगणी 194 हंसपादिका , हंसपदी " सुवर्णजूही 239 हारिद्रक पुं० कयंब हेमशिखा क्षिरिणी 324 स्त्री० सिवनी ९४पा० हेमशिखी " ३२४पा. हार्य पुं० बहेडा 82 हेमाह्वय पु. नागकेसर 11 हिङगु पुं०न. हिंगु 265 हेमाया क्षिरिणी 324 हिगुनिर्यास पुं० नींब 137 हैम पुं० किरायता 229 हिङगुपत्री स्त्री० हिंगुउत्रौ 266 हैमवती स्त्री० : हरडइ 80 हिज्जल इजर 128 श्वेतवज 312 हिन्ताल हिताल 181 क्षिरिणी 324 तृणवृक्षजाति 183 ह्रस्वगवेधुका " गांगेटी हिमजा स्त्री. 232 हस्वपुष्प पुं० महाडोल 112 हिमवालुका कपूर 33 ह्रस्वफल हिमावती शिरिणी 324 ह्रस्वाङ्गक जीवक हिमाहव पुं० कपूर 33 ह्रादा स्त्री. सालरि 151 हिलमोची स्त्री० जलब्राह्मी 358 पुं०न० कङकुष्ठ 176 हिंसा 281 ह्रासा स्त्री . मुदगवनी 211 न. केसर २३४पा० ह्रासी " २११पा. हीरा स्त्री० सिवनी 94 / / ह्रोबेर वालउ 231 166 शढि ह्रास , छड हीर
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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