________________ गूंदी 260 " 286 द्वितीयं परिशिष्टम् / शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः शिम्बा स्त्री० खेजडी 73 शीघ्र न० लावंजउ 385 शिम्बिक कृष्णमुंग शघ्रप्ररोहिन् पुं० शण 272 शिम्बी मुदगवनी 211 शीघ्रा स्त्री. दांती 201 शिम्या खेजडी ७२पा. २०१पा. शिरिवारक पुं० षडकूतिर ३५५पा. शीत पुं० 119 शिरीष सिरीसु 17 वेतस 129 शिरोह सातवनउ 970 पीलु-वेणु शिरीरुज् शीतपाकी ___ स्त्री० बला शिरोवृत्त न. मिरी चिणउठी 293 शिरोवृन्त " ३०४पा. शीतफेन पुं० अरीठा 136 शिलाटक साटहडा 207 शीतभीरु स्त्री. केवडी 242 शिलाटिका स्त्र , २०७पा० शीतलरजः न० कपूर शिलाभित् पाषाणभेद 269 शीतला स्त्री० पाटलाविशेष 20 शिलारिका स्त्री साटहडा २०७पा० वासन्ती २४९पा० शिव पुं० कदम्बविशेष 11 शीतवीर्य पुं० पदमाकु 175 गूगलु शीतशिवा स्त्री० . नीहाली 278 शिवकोलिका स्त्री. खेजडी शीतसह पुं० निर्गुण्डी 184 शिवधू पुं० गूगलु शीतसंवासा स्त्री. वासन्ती 249 शिवब्रह्मी स्त्री० शंखाहूली. २५४पा० शीता तेजवती 277 शिवमल्ली बूअ 289 शीधुपादप पुं० बीजउरउ शिवलोमा खेजडी शीधुवृक्ष वरुणा 132 शिवा ७२पा. शुक न० केसर २३४पा. शुक बालतृण हरडइ शुकगुच्छ न. थूणीयउ 169 आमला शुकच्छद शिवा. स्त्री० मुदगवनी २११पा० शुकनाश अगथियउ 28 शंखाहूली 254 अरलू-टोटू मुसली 264 शुकनास अगथियउ २८पा० शिवाटिका , हिंगुउनी 266 शुकपुष्प पुं०न० सिरीसु 18 शिशिरेफला , काकडासिंगी 192 थूणीयउ १६९पा. शिशु पुं० मुनिलोध्र ११६पा. शुकप्रिय पुं० सिरीसु शिशुगन्धिका स्त्री० नीमाली २४१पा. शुकमालक 137 शिशपा सीसम 69 शुकवृक्ष 18 যিহিদা सीसममेद ६९पा. शुकेष्ट , नोब १३७पा. शीकरा , वासन्ती 249 शुक्तिका स्त्री० आंबिली ७३पा० " 18 नौंब सिरीसु