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________________ विषय .. अध्याय पृष्ठ वैश्यकन्या से विवाह करने के कारण क्षत्रिय-कुमार नाभाग को राज्य की अप्राप्ति, उसके पुत्र भनन्दन द्वारा युद्ध के माध्यम से राज्य का आयत्तीकरण तथा पूर्वजन्म की घटना बता नाभागपत्नी द्वारा अपने और अपने पति के वैश्यत्व का निराकरण . . 113-115 126-128 भनन्दन का राज्याभिषेक, उसके पुत्र वत्सप्री का राजा विदूरथ की कन्या मुदावती के साथ विवाह का रोचक आख्यान 116 128-130 मुदावती के पौत्र राजा खनित्र के उदात्त चरित्र का वर्णन 117-118 130-132 खनित्र के वंशज क्षुप, वीर तथा विविंश राजाओं के .. आख्यान 119 132-133 विविंश के पुत्र खनीनेत्र के आख्यानप्रसंग में पुत्र की आवश्यकता के सम्बन्ध में दो मृगों का रोचक वार्तालाप 120 133-134 खनीनेत्र के तपःप्राप्त पत्र बलाश्व-करन्धम का तथा करन्धम के पुत्र अवीक्षित का अद्भुत घटनाओं से भरा आख्यान 121-128 134-139 अवीक्षित के पुत्र राजा मरुत्त का धर्मप्रधान शासन, उसे 'उसकी पितामही द्वारा राजा के आवश्यक कर्तव्यों का निर्देशक सन्देश तथा धार्मिक वैवश्यवश पिता के साथ उसका युद्ध 129-131 139-143 मरुत्त के पुत्र राजा नरिष्यन्त के अभूतपूर्व यज्ञों का वर्णन 132 143-144 नरिष्यन्त के पुत्र दम का प्रतिस्पर्धी राजकुमारों को पराजित कर दाशार्ण नरेश को कन्या सुभगा के साथ स्वयंवरद्वारा विवाह 133 144-145 स्वयंवर के प्रतिस्पर्धी वपुष्मान द्वारा दम के वानश्रमी पिता का वध होने पर उसे उसकी माता इन्द्रसेना का उत्तेजक 134 145-146 पिता के हत्या की घोर प्रतिहिंसा करने की कठोर प्रतिज्ञा कर ___ दम द्वारा वपुग्मान का सर्वसंहार और वध. 135-136 146-147 मार्कण्डेय पुराण का उपसंहाराध्याय . 137 147 सन्देश
SR No.032744
Book TitleMarkandeya Puran Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadrinath Shukla
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1962
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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