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________________ ॥ श्रीपार्श्वचन्द्रसूरीश्वर सद्गुरुभ्यो नमोनमः सज्झाय संग्रह. शास्त्रविशारद महर्षिश्रीब्रह्मकृतः - श्री उत्तराध्ययन सूत्रनी सज्झायो. श्री विनयनी सज्जाय १. श्री गुरु गौतम गुण हियमे धरी । कहिशुं विनय विचार || स्वामी सोहम गणधर दाखवे । उत्तराध्ययन मकार ॥ १ ॥ विनय करीजे रे जवियण नावसुं । जेहथी लहीए नाए । अनुक्रमे समकित चारित्र गुणग्रही । पामी जे निर्वाण ॥ विन० ॥ २ ॥ गुरुने पासे रे रहिये सर्वदा । वहिए गुरुनी सीख ॥ काज करी जे रेवंबित गुरु तं । तो हुवे सफली दीख ॥ विन० ॥ ३ ॥ कुहिए काने रे जेवी कूतरी । काढे घरथी रे लोय ॥ तिम विनितने काढे ग थकी । जस सोजाग न होय ॥ विन० ॥ ४ ॥ सूर टंकी रे कुंकु
SR No.032735
Book TitleSazzay Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarchandrasuri
PublisherGokaldas Mangadas Shah
Publication Year1922
Total Pages264
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size17 MB
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