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________________ गाथा परिशिष्ट - १ पिण्डनिर्युक्तिमूलगाथानामकाराद्यनुक्रमः अइरं फलादिपिहियं... अक्कंत- धंत- घाणे...॥५१॥ पृष्ठ ३३ ८८ .... १६४ १२६ ........ १३१ १५४ ८५ .......... ७९ १४१ १० २० १०८ ११ अभोज्जे गमणादी य .... ॥ २१२ ॥ ५१ अमिला - करभीखीरं लसुण....॥ २१६ ॥ ५२ अमुगं ति पुणो द्धं....॥२६४॥ ६४ अमुगाणं ति व दिज्ज ....॥२५८॥ ६२ अयमवरो उ विकप्पो....||४४५॥ अवयास भाणभेदो...॥६१७॥ १५१ ५५ अवरद्धिग- विसबंधे... ॥२१॥ . पं...॥१३६॥ ......... ३३ ७८ | अवरोप्परसज्झिलगा संजुत्ता....॥ ३५९ ॥ . १५० अवि णाम होइ.... ॥ ४८५ ॥ अवि य हु बत्तीसाए....॥४०६ ॥ अविसुद्ध परिणामो...॥५६७॥ असणाईण चउण्ह वि....॥१९२॥ ११८ १६३ १० अस्संजमजोगाणं पसंधणं....॥ ४९४ ॥ .. ७३ अह मंसम्मि पहीणे...॥६६७॥ ६८ अह मीसओ तु पिंडो ... ॥ ६८ ॥ १६५ t...1148411 ......... १४३ अंगारत्तमपत्तं जलमाणं...॥६९२॥ अंगारधूवियादी अणंतरो... अंगुलिया घेतुं क ....॥३१४॥ अइदूरजलंतरिया कम्मासंकाए ॥ ३६४ ॥ ८९ ७८ ...1148011 अक्खे वराडए वा...॥१३॥ अगविट्ठस्स उ गहणं...॥९३॥ पृष्ठ | गाथा अचियत्तमंतरायं तेणाहड....॥४००॥ अच्चित्तमक्खियंमी चउसु...॥५७४॥ अच्छेज्जं पि य तिविहं....॥३९३॥ अच्छोड-पिट्टणासु य...॥४५॥ अज्झोयरओ तिविहो....॥४१५।। अट्ठाए अणट्ठाए छक्काय...॥१२४॥ अणिसट्ठमणुण्णायं कप्पइ....॥४१३॥ अणिसिहं पडिकुठं....॥४०४॥ अणुकंप भगिणिगेहे दरिद्द....॥३५२।। अणुकंपा पडिणी या...॥६३२॥ अणुचियदेसं दव्वं....॥२२६॥ अण्णट्ठ उट्ठिया वा....॥३१२॥ अण्णे भणंति दससु वि...॥६२८॥ अण्णाऽऽहाकम्मं उवणीयं... अण्णेसि दिज्जमाणे....॥४९७॥ अतिबहुयं अतिबहुसो...।।६८२॥ . अतिभार-चूडण-पणए...॥३२॥ . अत्तट्ठा रंधतो पासंडीणं....॥ २९७ ॥ अत्तट्ठियआयाणे डायं....॥२७८॥ अत्तीकरेइ कम्मं ...॥१३४॥ अत्थाह गाह - पंका....।। ३५९॥ अद्धमसणस्स सव्वंजणस्स...॥६८६॥ अद्धिति दिट्ठीपण्हय...॥५२१॥ १४३ अद्धिति पुच्छा आसण्ण॥५४३॥ १४ अपरिणयं पिय दुविहं... ॥ ६४५ ॥ . .६ अपरिमियणेहवुड्ढी दासत्तं....॥३४५॥ २४ अप्पत्तम्मि व ठवियं....॥३१६ ॥ अप्पत्ता उ चउत्थे... ।। ५८८ || ९६ अप्पत्ते च्चिय वासे...॥३३॥ . १३७ अप्पसत्थो उ असंजमो...॥ ७८ ॥ ९५ अब्भंगिय - संबाहिय - उव्वट्टिय... अब्भिंतरपरिभोगं उवरिं... ॥४०॥ १२ ९९ अघणघणचारिगगणे छाया............॥१९७॥ ........ ४८ ३० ९९ १९७ ८७ १७१ ....॥४५३॥ .... १०५ १४८ ७ ८७ ११६ ............ ९८ १३६ ४७ .... ११८ १५९ १८
SR No.032703
Book TitlePind Niryukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaysundarsuri
PublisherDivyadarshan Trust
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pindniryukti
File Size30 MB
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