SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आज भी जालोर जिला धन कुबेरों की बस्ती के लिए प्रख्यात है। प्राचीन काल में जहां स्वर्णगिरि पर कोटयाधीशों की ही हवेलियाँ थी वहाँ उनके ध्वंशावशेष खण्डहर तक नहीं रहे। पर जालोर जिले के अधिवासी धनाढ्य सारे भारत में फैले हुए हैं उन प्रवासी महानुभावों को अपने गौरवमय मातृभूमि के इतिहास से प्रेरणा मिलेगी व जिनालयों के चित्रों के दर्शन से भी लाभान्वित होंगे। इस पुस्तक के मुद्रण में श्री महेन्द्रराज मेहता तथा श्री रंजन कोठारी का सहयोग प्रशंसनीय है। पद्मचन्द नाहटा अध्यक्ष सुशील कुमार नाहटा सचिव बी० जे० नाहटा फाउण्डेशन कलकत्ता देवेन्द्रराज मेहता सचिव महो० विनयसागर निदेशक प्राकृत भारती अकादमी जयपुर
SR No.032676
Book TitleSwarnagiri Jalor
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherPrakrit Bharati Acadmy
Publication Year1995
Total Pages134
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy