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________________ सवाल जाति का इतिहास to the Commander-in-chief of Kashmir Army रहे। इसके पश्चात् आप काश्मीर स्टेट के होम मिनिस्टर (Home minister) और फिर इसी रियासत के रेव्हेन्यू मिनिस्टर ( Revenue minister) हुए तथा इसी प्रकार आप अपनी सेवाओं से बढ़ते २ काश्मीर स्टेट के चीफ मिनिस्टर हो गये । तदंनंतर आप रिटायर हो गये । आप वर्तमान में रिटायर लाइफ बिता रहे हैं। विश्व व्यापी यूरोपियन युद्ध में आपकी सेवाएँ बहुत अधिक रहीं । आपने गवर्नमेंट की मदद के लिए बहुतसे रंगरूट और रुपया भेजा । जिसके उपलक्ष्य में ब्रिटिश गवर्नमेंट ने प्रसन्न होकर आपको कई उच्च उपाधियों से विभूषित किया। आपको गवर्नमेंट की ओर से सन् १९११ में 'राय बहादुर' का खिताब, सन १९१५ में "सी० आई० ई०” का सन्माननीय खिताब व सन् १९२० में "सी० एस० आई०" के टॉयटल प्राप्त हुए । इनके अतिरिक्त आपको और भी कई पर वाने तथा सार्टीफिकेट्स प्राप्त हुए । इसके अतिरिक्त आपकी धार्मिक व सामाजिक सेवाएँ भी बहुत महत्वपूर्ण एवं कीमती हैं। आप पंजाब प्रांत के "पंजाब स्थानकवासी कान्फ्रेंस" के सिवालकोट तथा लाहौर वाले अधिवेशनों के सभापति रहे हैं । जब ऑल इन्डिया स्थानकवासी कान्फ्रेंस का प्रथम अधिवेशन मोरवी में हुआ था तब आपको सभापति के लिये चुना था मगर कार्य्यवश आप वहाँ उपस्थित न हो सके । काशी के धर्म महा मण्डल ने भी आपको एक उपाधि देकर सम्मानित किया था । और भी कई स्थानों पर आपने प्रायः सभी सार्वजनिक एवं धार्मिक काय्यों में भाग लेकर बहुमूल्य सेवाएँ की हैं। आपके छोटे भाई दीवान अनन्तरामजी पहले तो काश्मीर महाराजा के यहां पर प्राइवेट सेक्रेटरी रहे । तदनन्तर इस पद को छोड़ कर आप वहाँ पर वकालत करने लगे । आपने बी० ए० एल० एल० बी० तक शिक्षा प्राप्त की है। आप पुनः राजा अमरसिंहजी के प्राइवेट सेक्रेटरी हुए तथा फिर क्रमशः उनकी जागीर के चीफ जज, कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ इस्टेट के मेम्बर, चीफ जज्ज तथा लीगल रमेम्बरन्सर के पद पर काम करते रहे। वहाँ से रिटायर होकर वर्त्तमान में आप जम्मू हॉयकोर्ट के पब्लिक प्रॉसीक्यूटर हैं । रा० ब० दीवान विशनदासजी के चार पुत्र हैं लाला प्रभुदयालजी, चेतरामजी, चंदुलालजी एवं ईश्वरदासजी । लाला प्रभुदयालजी ने काश्मीर स्टेट में रेव्हेन्यू डिपार्टमेंट में नायब तहसीलदार से लेकर वजीर वजारत के भोहदे तक काम किया और वर्त्तमान में आप वहाँ से रिटायर होकर शांति लाभ करते हैं । लाला चेतरामजी भी फौज के मेजर रह चुके हैं। वहाँ से आप ने रिझाइन कर अपनी प्राइवेट प्रापर्टी की देख भाल करना प्रारम्भ कर दिया है । लाला चंदूलालजी काश्मीर स्टेट में इलेक्ट्रिक इन्जीनियर थे । वहाँ से पंजाब गवर्नमेंट ने आपको लॉयलपुर हॉइड्रो इलेक्ट्रिक इन्स्टीट्यूट में बुला लिया । वहाँ सर्विस ४०६
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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