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________________ ओसवाल जाति का इतिहास परिणाम स्वरूप सन् १९२४ में सर सुखदेवप्रसाद ने आपको असिस्टेण्ट रजिस्ट्रार बना कर महकमा खास में अपने पास रक्खा । इसके पश्चात् आप रजिस्ट्रार बनाये गये । यह पहला ही अवसर था जब महकमा खास के रजिस्ट्रार के पद पर एक मारवाड़ी नियुक्त हुए। इस पद के उत्तरदायित्व के आपने बड़ी योग्यता से निभाया। सब उच्च पदाधिकारी तथा स्टेट कौंसिल के मेम्बर आपका बड़ा विश्वास करते थे । - सन् १९३१ में आपको महाराजा साहब ने फारेन एण्ड पोलिटिकल सेक्रेटरी के सम्मानीय पद पर नियुक्त किया । इस कार्य्यं को आपने बहुत योग्यता के साथ संचालित क्रिया । स्टेट कौंसिल के म्हाइस प्रेसिडेण्ट कुँवर सर महाराजसिंहजी ने अपनी स्पीच में आपके लिये जो शब्द कहे उनका सारांश इस प्रकार है। "Mr. Jaswantraj Mehata. paid a special tribute to the excellent work of the foreign and political Secretary. He was officer of an exceptional ability with whose work kunwar Sir Maharajsing has been completely satisfied. He had always found him reliable." सन् १९३३ में आपको महाराजा ने ट्रिब्यूट डि० का सुपरिन्टेन्डेन्ट नियुक्त किया । इस 'उत्तरदायित्व पद पर पहले जमाने में दीवान और वक्षी ही मुकर्रर होते थे क्योंकि इस पदाधिकारी का सम्बन्ध स्टेट के सम्माननीय जागीरदारों के साथ रहता है । मेहता जसवन्तराजजी राज्य के कामों के अतिरिक्त जाति सुधार, समाज सुधार और विद्या प्रचार के कामों में भी बराबर बड़े उत्साह के साथ भाग लेते रहते हैं। ओसवाल नवयुवक मण्डल जोबपुर तथा अखिल भारतवर्षीय मधयुवक महामण्डल के आप बहुत अर्से तक मुख्य कार्य्यं कर्ता रहे। आपके विचार सामाजिक मामलों में बड़े उदार और उच्च हैं । मेहता हनुमन्त सिंहजी - आपने सन् १९३० में B. A. तथा सन् १९३३ में एल० एल० बी० एक होनहार वकील 1 की परीक्षाएँ पास कीं । आप जोधपुर चीफ कोर्ट के मेहता अमृतलालजी B. ALL. B. भापका जन्म संवत् १९५९ में हुआ । आ जोधपुर चीफ कोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील हैं। आपकी योग्यता और सच्चरित्रता से जनता और अधिकारी दोनों ही बहुत प्रसन्न हैं। कुछ दिनों से आप मारवाड़ के सर्व प्रधान बकीलों में समझे जाते हैं । आप म्युनिसिपालिटी के कमिश्नर भी हैं। सेठ छत्तूमल मुलतानमल कांकरिया, गोगोलाव ( नागोर ) इस परिवार के पूर्वज पहले थबूकड़ा (जोधपुर) में रहते थे। वहाँ से सेठ भेरोंदानजी लगभग ३५६
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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