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________________ डढा सुलतानमलजी का परिवार ( सेठ बख्तावरचंदजी फलौदी ) डड्डा सादूलसिंहजी के छोटे भाई सुलतानचन्दजी थे। उस समय में इस परिवार की दुकानें जोधपुर, फलौदी, पाली, हैदराबाद, जयपुर, बम्बई, शाहजहांपुर इत्यादि स्थानों पर थीं। संवत् १८०० से १९२२ तक इस परिवार की व्यापारिक स्थिति बहुत अच्छी रही। इनकी सबसे बड़ी दुकान हैदराबाद दक्षिण में सुलतानचन्द बहादुरचन्द के नाम से काम करती थी स्मारक में फलौदी में छन्नी बनी हुई हैं। । डड्डा सुलतानचन्दजी के सुलतानचन्दनी के पश्चात् क्रमशः बहादुरचन्दजी, रेखचन्दजी और शिवचंदजी काम देखते रहे । शिवचन्दजी के पुत्र बख्तावरचन्दजी और लालचन्दनी इस समय विद्यमान हैं। इनमें से लालचन्दजी जमनादासजी के नाम पर दत्तक गये हैं। ढड्ढा बस्तावरचन्दजी का जन्म संवत १९२४ में हुआ । संवत् १९६४ तक आपकी दुकान मद्रास में रही। आपने सुलतानचन्दजी के कुटुम्ब की ओर से एक रामद्वारा महेश्वरी समाज को और दो उपाश्रय सम्यगी और बाइस सम्प्रदाय के साधुओं के ठहराने के लिये भेट किये । आप फलौदी म्यूनिसिपैलिटी के मेम्बर रह चुके हैं। आप का परिवार फकौदी में बहुत प्राचीन और प्रतिष्ठित माना जाता 1 डड्ढा अभयमलजी का खानदान ( हेमचंदजी डड्ढा सोलापुर ) डढी डट्ठा सारंगदासजी के पुत्र नेतसीजी के ६ पुत्र हुए, उनमें तीसरे पुत्र अभयमलजी थे। इनके शिवजीरामजी मूलचन्दजी आदि पुत्र हुए। इनमें शिवजीरामजी संवत् १८७० । ७५ में जैसलमेर के दीवान हुए। वहाँ से रियासत की नाराजी होजाने से आप फलौदी आगये तथा वहीं आपने अपना स्थाई निवास बनाया | आपके पुत्र अमीचन्दजी ने जोबद ( मालवा ) में बैंकिंग व्यापार चालू किया । आपने गवालियर स्टेट की कौंसिल में भी अच्छा सम्मान पाया था। आपको दूकान जावद की सरपंच 'दुकान थी । आपके पुत्र रावतमलजी भी प्रतिष्ठा प्राप्त व्यक्ति हुए । इनके पुत्र केसरीचन्दजी का अल्पवय में ही स्वर्गवास होगया था। इनकी धर्मपत्नी श्रीमती जुहारबाई ने फ़लौदी के धार्मिक क्षेत्र में अच्छा नाम पाया। आपने तीर्थयात्रा, स्वामि वत्सल आदि कामों में लगभग १॥ लाख रुपया व्यय किया । आपके पुत्र फूलचन्दजी अल्पायु में संवत् १९४३ में स्वर्गवासी होगये । आपके पुत्र मेमीचन्दजी का जन्म संवत् १९३८ में हुआ । २०५
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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