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________________ बापना संवत् १९६० में हुआ है। इन तीनों बन्धुओं ने सम्बत् १९८३ से अमलनेर में कपड़ा, गिरवी और अनाज का कारवार शुरू किया । आप लोग यहां के व्यापारिक समाज में अच्छी प्रतिडा रखते हैं, तथा बड़े मिलनसार और सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं । सेठ चुनीलाल हीरालाल बापना, भिनासर इस परिवार वालों का मूल निवास स्थान जैसलमेर था। वहां से वे लोग कोटा होते हुए माळासर (बीकानेर) नामक स्थान पर आकर बसे । यहाँ आनेवाले सेठ ज्ञान मलजी थे। आपके पुत्र दुर्जनदासजी मालासर में ही खेती बाड़ी का काम करते थे। आपके गंगारामजी, छोगमरुजी, लच्छीरामजी, जेतरूपजी मौर कलमोचन्दजी नामक पाँच पुत्र थे। आप सब लोग मालासर को छोड़कर भीनासर नामक स्थान में आकर बस गये। इनमें से सेठ गंगारामजी बंगारू प्रान्त में आये। आपने कलकत्ता और गढ़गाँव (आसाम) में अपनी कर्मे स्थापित की। कुछ समय पश्चात् उपरोक फर्मे बन्द कर श्रीमंगल में छोगमक मूलचन्द के नाम से फर्म खोकी । आपका स्वर्गवास हो गया। आपके धनराजजी, बुढीकाळजी और बस्तावरमकजी नामक तीन पुत्र हैं। आप तीनों भाइयों का परिवार इस समय स्वतन्त्र व्यापार करता है। सेठ धनराजजी आजकल धमराज जुहारमल के नाम से कपड़े का व्यापार करते हैं। आपके जुहारमलजी, सुगनमलजी, दीपचन्दजी, मगनमलजी और छगनमलजी नामक पुत्र हैं। जुहारमलजी अलग अपना व्यवसाय करते हैं । फर्म का संचालन सुगनमलजी करते हैं। सेठ चुन्नीलालजी व्यापार कुशल व्यक्ति हैं । आपने कलकत्ता, शाईस्तागंज और होबीगंज नामक स्थानों पर अपनी फर्मों खोलीं। इनपर कपड़े, गल्ले, आवृत और दुकानदारी का काम हो रहा है । शाईस्तागंज में इस परिवार की दो और फर्मे हैं। सेठ चुनीलालजी के हमीरमलजी, हीरालालजी, सोहनलालजी और हस्तीमलजी नामक पुत्र हैं । हमीरमलजी अपना स्वतन्त्र व्यापार करते हैं। शेष तीनों भाई शामिक रहते हैं । आप लोग बाईस समादाय को मानने वाले हैं।. सेठ छगनमल साहबराम बापना, धूलिया इस परिवार का मूल निवास स्थान हरसोलाव (मारवाड़) का है। इस परिवार में सेठ सवाईरामजी हुए। आपके पुत्र जेठमलजी करीब ७५ वर्ष पूर्व देश से व्यापार के निमित्त फागणा ( भूलिया के समीप ) Ra २१७
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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