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________________ मोसवाल जाति का इतिहास इन्दौर स्टेट के ओसवाल दीवान -राय बहादुर सिरेमलजी बापना, बी० एस० सी० एल० एल० बी० एतमाद-वजीर-उद्दौला-आप सन् १९२६ से इन्दौर स्टेट के प्राइम मिनिस्टर एवं प्रेसिडेंट कौंसिल के पद पर अधिष्ठित हैं। वर्तमान में भारत के ओसवाल समाज में आपही एक महानुभाव इतने उच्च पदपर विभूषित है। २-रा• ब० हीराचन्दजी कोठारी-आप भी कुछ मास तक टेम्पररी रूप से प्रेसीडेंट कौंसिल तथा दीवान रहे थे। रतलाम स्टेट के श्रोसवाल दीवान १-स्वर्गीय कोठारी जव्हारसिंहजी दूगड़ नामली-आपने कुछ वर्षों तकस्टेटके दीवान पदपर काम किया था। सीतामऊ के ओसवाल दीवान १-मेहता नाथाजी-महाराजा रामसिंहजी के समय में १७३१ में । २-मेहता हीराचन्दजी-महाराजा केशोदासजी के समय में । ३-मेहता भिखारीदासजी-महाराजा केशोदासजी के समय में १७६९ में । बांसवाड़ा राज्य के अओसवाल दीवान यहाँ के कोठारी परिवार ने बहुत समय तक दीवान पद पर काम किया। तथा अभी २ साल पूर्व मसूदा निवासी श्री जालिमचन्दजी कोठारी दीवान पद पर काम करते थे। ___झाबुआ के ओसवाल दीवान -श्री उड्डा गुलाबचन्दजी एम० ए० जयपुर-भाप इस स्टेट के दीवान पद पर कार्य कर चुके हैं। प्रतापगढ़ के ओसवाल दीवान 1--श्रीसुजानमलजी बांठिया प्रतापगढ़-आप कई वर्षों तक इस स्टेट के दीवान रह चुके हैं । झालावाड़ स्टेट के फौज़बख्शी -सुराणा गंगाप्रसादजी-आपको महाराज राणा पृथ्वीसिंहजी ने फौजवख्शी का पद इनायत किया था। २-सुराणा नरसिंहदासजी-(गंगाप्रसादजी के पुत्र) अपने पिताजी की जगह फौजवशी मुकरर हुए। १२८D
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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