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________________ जोधपुर राज्य के प्रोसवाख दविान 1-मेहता लखमीचन्दजी (अखेचन्दजी के पुत्र) १८९९ चेत सुदी से १९..की फागुन पदी तक .१-सिंघवी गंभीरमलजी (फतेमलजी के पुत्र) सम्बत् १९०० की फागुन वदी से जेठ मुदी ५ तक १-मेहता लखमीचन्दजी ( अखेचन्दजी के पुत्र)सम्वत् १९०० की जेठ सुदी से १९०२ कार्तिक सुदी १ ८४-खालसे काम सिंघवी फौजराजजी, भण्डारी शिवचंदजी, मेहता गोपालदासजी तथा ३ अन्य जातीय सज्जन देखते थे। सं० १९०२ के कार्तिक सुदी १ से माघ वदी ९ तक ८५-भण्डारी शिवचन्दजी ( लखमीचन्दजी के पुत्र) १९०२ माघ वदी ९ से १९०३ भासोज सुदी १ तक ८६-मेहता लखमीचन्दजी (अखेचन्दजी के पुत्र ) १९०३ आसोज सुदी १ से १९०७ आसोज वदी तक ८७-मेहता मुकुन्दचन्दजी (लखमीचन्दजी के पुत्र) १९०७ की भासोज सुदी ७ से कार्तिक वदी तक ८८-राव राजमलजी लोढ़ा-(रावरिधमलजी के) १९०. चेत वदी १० से १९०८ भादवा सुदी तक ८९-खालसे (काम मेहता मुकुन्दचन्दजी, सिंघवी फौजराजजी और मेहता विजयसिंहजी आदि ५ व्यक्तियों की कमेटी के द्वारा होता था) सं० १९०८ भादवा सुदीसे पोष सुदी तक ९०-मेहता विजयसिंहजी (कृष्णगढ़ के मेहता करणमलजी के) १९०८ पोष सुदी से १९०९ मा० वदी। ९१-मेहता मुकुन्दचन्दजी (लक्ष्मीचन्दजी के पुत्र) १९०९ मगसर वदी १ से १९१० माह सही ९तक ९२-खालसे-(काम मेहता गोपाललालजी, मेहता हरजीवनजी गुजराती तथा मेहता पांकरलालजी देखते थे ) ।सं० १९१० की माघ सुदी ९से वैसाख वदी तक ९३-खालसे (काम मेहता विजयसिंहजी, राव राजमलजी लोदा; और मेहता हत्जीवाजी गुजराती रेखते थे) सं० १९१५ की कार्तिक वदी से पोष बदी तक ९४-मेहता विजयसिंहजी-संवत् १९१३ की पोष सुदी १० से संवत् १९१५ की पोष सुदी ९ तक ९५-मेहता गोपाललालजी और मेहता हरजीवनदासजी गुजरात वाले संवत् १९९५ की जेठ सुदी तक ९५-मेहता मुकुन्दचन्दजी ( लक्ष्मीचन्दजी के पुत्र) १९१६ की आषाढ वदी ८ से १९१९ सावन वदी तक ९७-+खालसे (काम मेहता हरजीवनदासजी गुजराती, सिंघवी रतनराजजी तथा दो अन्य जातीय सजन देखते थे )सं. १९१९की सारण बदी से चैत्र सुदी तक ९४-मेहता मुकुन्दचन्दजी ( लखमीचन्दजी के) १९१९ चैत्र सुदी १ से १९२२ दूजा जेठ वदी ९ तक ९९- खालसे-वेद मेहता सेठ प्रतापमलजी अजमेर वाले (गम्भीरमलजी के पुत्र) मेहता मुकुन्दचन्दजी, मेहता गोपाललालजी तथा भण्डारी पचानदासजी ( बहादुरमलजी के भाई) काम करते थे। सं० १९२३ कार्तिक वदी ३ से १९२४ भादवा सुदी ५ १००-मेहता विजयसिंहजी ( मेहता करणमलजी के पुत्रं ) १९२५ कार्तिक सुदी ५ से मगसर सुदी ५ तक • इनके साथ ख्योढ़ीदार पेमकरणजी एवं बोशी प्रभूदानजी भी इस पद का कार्य देखते थे। + इनके साथ जोशी प्रभूलालजी भी दीवान पद का कार्य देखते । इनके साथ खीची उम्मेदकरणजी काम देखते थे। +इनके साथ पंचोली मीनालालजी और जोशी प्रभूदयालजी काम देखते थे। आपके साथ जोशी शिवचन्दजी भी दीवान पद का कार्य संचालित करते थे। १२५
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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