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________________ पोसवाल जाति का इतिहास . लालजी करते हैं। सेठजी बड़े उदार, दयालु, शान्त-स्वभाव तथा धर्म-परायण थे। भापका स्वर्गवास फाल्गुन वदी १२ सम्बत् १९८५ को हो गया। आपके तीन पुत्र हुए जिनके नाम क्रमवाः सेठ कनीरामजी, (जो इनके बड़े भाई सेठ सालिमचन्दजी के दत्तक है) सोहनलालजी, और चम्पालालनी हैं। आजकल आप तीनों भाई अलग २ हो गये हैं और अपना २ व्यापार स्वतन्त्र रूप से करते हैं। इस परिवार की ओर से सभी सार्वजनिक कार्यों में सहायता प्रदान की जाती है। आपकी ओर से साधुमार्गी श्री श्वेस्था. जैन हितकारिणी संस्था में १९१११) रुपये प्रदान किये हैं। इसके अतिरिक्त भीनासर स्कूल की वर्तमान बिल्डिङ्ग भी इस परिवार तथा से० बहादुरमलजी बाँठिया द्वारा बनाई गई है इसी परिवार की विशेष सहायता से गंगाशहर से भीनासर तक पक्की सड़क बनाई गई थी। इसी प्रकार गाँव की प्रत्येक संस्था पिंजरापोल वगैरः में भी आपकी ओर से अच्छी सहायता दी जाती है । बीकानेर गवर्नमेंट में भी आप लोगों का अच्छा मान है। एच० एच० महाराजा साहिब बहादुर बीकानेर की ओर से एक खास रुका सेठ हमीरमलजी कनीरामजी के नाम से मिला हुआ है। सेठ कनीरामजी-आप बड़े साधु प्रकृति के मिलनसार सज्जन हैं। आपका व्यापार पहिले सेठ मौजीरामजी पन्नालालजी के नाम से सम्मिलित रूप में होता था पर कई वर्षों से कलकते में से. सालिमचन्दजी कनीरामजी के नाम से स्वतन्त्र रूप में चलानी एवम् जूट का होता है। इस फर्म की भी भिन्न २ नामों से ताम्बाहार (धुवड़ी) मनमुख (सिलहट) सोनातोला (बुगड़ा) नामक स्थानों पर और भी शाखायें हैं। इसके अतिरिक्त दिल्ली में इंडोंयूरोपियन मैशीनरी कम्पनी के नाम से प्रिंटिंग मशीन एवम् प्रिंटिंग सम्बन्धी सब प्रकार के सामान का व्यापार होता है । इस विषय का बहुत बड़ा स्टाक आपके यहाँ हमेशा मौजूद रहता है। इसकी लाहौर, कलकत्ता, बम्बई में ब्रांचे हैं इसके और भी हिस्सेदार हैं। आपके तीन पुत्र हैं जिनके नाम क्रमशः श्रीयुत तोलारामजी, रामलालजी, और भैरोंदानजी हैं। सेठजी के इस समय एक पौत्र भी है जिसका नाम दौलतरामजी है। आपका बीकानेर स्टेट में अच्छा मान सम्मान है। महाराजा साहिब बहादुर बीकानेर की ओर से आपको कैफियत मिली हुई है। भाप सामयिक समाज सुधार के भी बड़े प्रेमी हैं। सेठ सोहनलालजी-आप भी पहले शामिल में ही व्यवसाय करते थे, मगर तीन वर्षों से पृथक ही भाप अपना स्वतन्त्र म्यापार करते हैं। भापका कलकर में मेसर्स मौजीराम पक्षालाल के नाम से १५ आर्मीनियन स्ट्रीट में छाते का बड़े स्केल पर व्यापार होता है तथा हमीरमल सोहनलाल के नाम से १० कैनिंग स्ट्रीट में कपड़े की चालानी का काम होता है। आपकी एक प्रांच चटगांव में भी है। आपके २ पुत्र हैं जिनके नाम क्रमशः सम्पतलालजी एवम् इन्द्रकुमारजी हैं। सेठ चम्पालालजी-आप भी आजकल स्वतन्त्र व्यापार कर रहे हैं। आपका व्यापार कलकत्ता में मेसर्स हमीरमलजी चम्पालाल के नाम से नं०२ राजा उडमंट स्ट्रीट में होता है। इस फर्म की शाखाएं कई स्थानों में है जहाँ पर जूट को खरीदी का काम होता है । कलकत्ता में आपका जूट मारकेट में अच्छा नाम है । आपके बेलिङ्ग भी पास कराया हुआ है और आप बड़े मिलनसार, उत्साही, विधाप्रेमी तथा उदार हृदय हैं।
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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