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________________ [ २७ ] प्रधानविषय अध्याय पृष्ठाक २ चौबीस पल दण्ड। राजा की आज्ञा में रहकर .. जो कम या विशेष लिखे उसको दण्ड । छल से खोटे सोने को बेचनेवाले तथा मांस के बेचनेवाले को अङ्ग हीन करना और उत्तम दण्ड देना चाहिये जो स्त्री अपने जार को चोर कहकर भंगा देवे उसे पांच सौ पल दण्ड देना चाहिये। राजा के अनिष्ट कहनेवाले को या राजा के भेद को खोलने वाले की जिला काट लेनी चाहिये (२८६-३१०) । आशौचप्रकरणवर्णनम् - १३०३ दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे को भूमि में गाड़ देना चाहिये। बच्चे के मरने पर सातवें या दसवें दिन दूध देना चाहिये (१-६)। इसमें संसार की असारता बताई है। किसी के मरने पर ऐसा नहीं चाहिये यदि उसो दिन घर में दूसरे का जन्म हो जाय तो पहले के सूतक से वह शुद्ध हो जायगा। राजाओं को और यज्ञ में बठे हुए ऋषियों को सूतक नहीं लगता है। इस प्रकार सुतक का वर्णन किया है (७-३४)।
SR No.032669
Book TitleSmruti Sandarbh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages744
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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